नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ओएनजीसी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) पर आरोप लगाया है कि उसने पूर्ण नियोजित व सोची समझी रणनीति के जरिये बीते छह साल में उसकी लगभग 1.4 अरब डॉलर मूल्य की गैस निकाली है। ओएनजीसी ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज से उक्त राशि का पूरा मुआवजा 18 प्रतिशत ब्याज के साथ देने की मांग की है।
ओएनजीसी का आरोप है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2001 से 2007 में बंगाल की खाड़ी स्थित अपने केजी-डी6 ब्लॉक के साथ स्थित ओएनजीसी ब्लॉक के हाइड्रोकार्बन भंडार का अध्ययन करने के लिए सम्बद्ध आंकड़े हासिल किए। आरोप है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने उक्त आंकड़े ओएनजीसी को जानकारी दिए बिना हासिल किए।
ओएनजीसी ने मामले में दोनों कंपनियों के बीच गैस विवाद की जांच कर रही एपी शाह समिति के समक्ष लिखित ज्ञापन में उक्त आरोप लगाए हैं। इसके अनुसार रिलायंस के केडी-डी6 ब्लॉक स्थित धीरूभाई 1 व 3 (डी1 व डी3) गैस क्षेत्र का अच्छा खासा विस्तार ओएनजीसी की निकटवर्ती केजी डीडब्ल्यू 98:2 (केजी-डी5) व गोदावरी पीएमएल तक है। कंपनी का आरोप है, आरआईएल ने उक्त आंकड़ों की जानकारी ओएनजीसी को नहीं दी। इसके अनुसार, आरआईएल ने इस तरह के स्थानों (ब्लॉकों की साझी सीमा के पास) उत्पादन कुएं खोदे और इस कोण से खोदे ताकि वह ओएनजीसी के ब्लॉकों के अधीन आने वाले भंडारों से अधिकतम गैस निकाल सके। हालांकि, आरआईएल के प्रवक्ता ने इस बारे में संपर्क करने पर कहा, हम सभी आरोपों का खंडन करते हैं। हमें यह दर्शाने का पूरा भरोसा है कि हमने पूरी तरह से अपनी पात्रता सीमा में काम किया और हमारी तरफ से किसी तरह का अनुचित काम नहीं हुआ।
सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी ने इस बारे में अमेरिकी स्वतंत्र परामर्श फर्म डीएंडएम की रिपोर्ट का भी हवाला दिया है। आरआईएल व ओएनजीसी ने अपने ब्लॉकों के बीच गैस स्थानांतरण के अध्ययन के लिए संयुक्त रूप से डीएंडएम को नियुक्त किया था। ओएनजीसी ने कहा है कि डी1 व डी3 क्षेत्रों से 31 मार्च 2015 तक उत्पादित 58.676 अरब घन मीटर (बीसीएम) गैस में से 8.983 बीसीएम गैस केजी डी5 व गोदावरी पीएमएल से उत्पादित की गई। कंपनी ने कहा है, अध्ययन में यह भी निष्कर्ष निकाला गया है कि उत्पादन गतिविधियों के चलते ओएनजीसी ब्लॉकों से कुल मिलाकर 11.125 बीसीएम गैस आरआईएल ब्लॉक में चली गई। ओएनजीसी ने आरआईएल से अप्रैल 2009 से उत्पादन के लिए 18 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ मुआवजा मांगा है।