Saturday, November 16, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. देश की 5.35 लाख कंपनियों में नहीं होता है कोई काम, 31 हजार से ज्यादा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी

देश की 5.35 लाख कंपनियों में नहीं होता है कोई काम, 31 हजार से ज्यादा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस अक्तूबर 2017 के अंत में देश में सक्रिय या कारोबार कर रही पंजीबद्ध कंपनियों की संख्या 11.30 लाख से थोड़ी अधिक रह गयी थी

Manoj Kumar @kumarman145
Published on: November 26, 2017 15:37 IST
देश की 5.35 लाख कंपनियों में नहीं होता है कोई काम, 31 हजार से ज्यादा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी- India TV Paisa
देश की 5.35 लाख कंपनियों में नहीं होता है कोई काम, 31 हजार से ज्यादा कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी

नई दिल्ली। देश में पंजीकृत कुल 17 लाख कंपनियों में से एक तिहाई से अधिक कारोबार से बाहर हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस अक्तूबर 2017 के अंत में देश में सक्रिय या कारोबार कर रही पंजीबद्ध कंपनियों की संख्या 11.30 लाख से थोड़ी अधिक रह गयी थी।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने ऐसी कंपनियों के खिलाफ धर पकड़ की कार्रवाई तेज की है जिनका इस्तेमाल हवाला कारोबार जैसी अवैध गतिविधियों के लिए किए जाने का संदेह है। कंपनी कार्य मंत्रालय ने नियमों का पालन न कर रही 2.24 लाख कंपनियों का पंजीयन रद्द कर दिया है।

मंत्रालय ने अक्तूबर महीने की रपट में कहा है कि पंजीबद्ध कंपनियों की कुल संख्या 31 अक्तूबर 2017 को 17,04,319 थी … वहीं सक्रिय कंपनियों की संख्या 31 अक्तूबर 2017 को 11,30,784 थीं। रपट के अनुसार कुल पंजीबद्ध कंपनियों में से 5.35 लाख कंपनियां बंद हो गई हैं, 1123 को निष्क्रिय का दर्जा दिया गया है, 5957 ऋणशोधन की प्र​क्रिया में है जबकि 31,666 का पंजीयन रद्द किए जाने की प्रक्रिया चल रही है।

इसके अनुसार सक्रिय कंपनियों में से सबसे अधिक 3.34 लाख कंपनियां सेवा क्षेत्र में हैं। वहीं विनिर्माण क्षेत्र में सक्रिय कंपनियों की संख्या 2.30 लाख, व्यापार क्षेत्र में 1.50 लाख व निर्माण खंड की सक्रिय कंपनियों की संख्या 1.03 लाख है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement