
One month lockdown poses risk to economic recovery, says BofA
नई दिल्ली। वॉल स्ट्रीट की ब्रोकरेज कंपनी बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) सिक्योरिटीज (BofA Securities) का मानना है कि कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी की वजह से बीते वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की अनुमानित तीन प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल होना मुश्किल है। बोफा ने कहा कि महामारी के मामले बढ़ने से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार की राह में जोखिम है। ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि यदि भारत में फिर से एक माह का राष्ट्रीय लॉकडाउन होता है तो इससे जीडीपी को एक से दो प्रतिशत का नुकसान हो सकता है।
बोफा की रिपोर्ट में कहा गया है कि वृद्धि अभी सुस्त है और महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों में गिरावट आई है। ऋण की वृद्धि काफी कमजोर है। संक्रमण के बढ़ते मामलों की वजह से वृद्धि के मोर्चे पर चिंता बढ़ी है। सात कारकों पर आधारित बोफा इंडिया का गतिविधि संकेतक फरवरी में घटकर एक प्रतिशत पर आ गया। जनवरी में यह 1.3 प्रतिशत था। फरवरी में भारत के गतिविधि सूचकांक के सात में चार कारक इससे पिछले महीने की तुलना में सुस्त पड़े हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे मार्च तिमाही में वास्तविक जीवीए की तीन प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जोखिम में हैं। यह सूचकांक 2020-21 में पहली बार दिसंबर, 2020 में सकारात्मक हुआ था। इससे पहले लगातार नौ माह तक इसमें गिरावट आई थी। रिपोर्ट में कहा गया है, कि महामारी के बढ़ते मामलों की वजह से पुनरुद्धार में जोखिम है। हमारा अनुमान है कि राष्ट्रीय स्तर पर एक माह के लॉकडाउन से जीडीपी में एक से दो प्रतिशत का नुकसान होगा।
भारत में महामारी के मामले पिछले 15 दिनों से हर दिन नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। पिछले 24 घंटे में भारत में 2.17 लाख नए मामले सामने आए हैं और यहां 1185 लोगों की मौत हुई है।