नई दिल्ली। जाट आंदोलन का फायदा उठाते हुए घरेलू एयरलाइंस कंपनियां अपनी मर्जी के हिसाब से किराया वसूल रही हैं। कुछ कंपनियां अमृतसर-मुंबई मार्ग पर 300 फीसदी अधिक यानी 23,000 रुपए तक किराया ले रही हैं। वहीं सरकार ने इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह विमानन कंपनियों से टिकट के किराए कम करने का सिर्फ आग्रह कर सकती है। मौजूदा जाट आंदोलन के दौरान कई विमानन कंपनियों ने अपने किरायों में असामान्य बढ़ोतरी की है।
मनमाने ठंग से किराया वसूल रही हैं एयरलाइंस कंपनियां
ट्रैवल पोर्टलों के अनुसार कल यात्रा के लिए स्पाइसजेट की मुंबई से अमृतसर का किराया 23,610 रुपए है। वहीं इंडिगो, गोएयर और स्पाइसजेट की दिल्ली से अमृतसर के लिए उड़ान का किराया 18,562 रुपए बताया गया है। इसी तरह पूर्ण सेवा कंपनी जेट एयरवेज ने मंगलवार को दिल्ली-चंडीगढ़ उड़ान के लिए किराया बढ़ाकर 16,815 रुपए कर दिया है। इसी के साथ राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया जयपुर-मुंबई के लिए 11,678 रुपए का किराया वसूल रही है। इन जगहों के लिए 30 दिन एडवांस बुकिंग के लिए औसत किराया 3,000 से 6,400 रुपए के बीच है।
तस्वीरों में देखिए हरियाणा में तबाही का मंजर
jat andolan
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सरकार कंपनियों से किराए कम करने का आग्रह कर सकती है, कार्यवाही नहीं
नागर विमानन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने कहा कि सरकार ने तत्काल कदम उठाते हुए आंदोलन के दौरान किराए नियंत्रण में रखने के उपाय के तहत एयरलाइंस से अतिरिक्त क्षमता जोड़ने को कहा है। शर्मा ने कहा कि ग्लोबल स्तर पर विमान किराए नियमन के दायरे में नहीं आते। किसी असामान्य स्थिति में सरकार सिर्फ एयरलाइंस से किराए कम करने का आग्रह कर सकती है। शर्मा से विमानन कंपनियों द्वारा आंदोलन के दौरान अत्यधिक किराया वसूलने के बारे में पूछा गया था। शर्मा ने यहां पर्यटन पर एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से अलग से बातचीत में कहा, मेरे संग्यान में यह लाया गया है कि टिकट काफी उंचे दाम पर बेचे गए। मंत्रालय ने तत्काल राष्ट्रीय विमानन कंपनी एयर इंडिया सहित अन्य एयरलाइंस से संपर्क कर उड़ानों की संख्या बढ़ाने को कहा जिससे किराए नियंत्रण में रखे जा सकें।