नई दिल्ली। ओला की परोपकारी इकाई ओला फाउंडेशन ने सोमवार को कहा कि उसने डोनेशन प्लेटफॉर्म गिवइंउिया के साथ साझेदारी की है। इसके तहत उपभोक्ताओं को ऑक्सीजन कन्संट्रेटर की आपूर्ति की जाएगी। ओला एप के जरिये ये सेवा एकदम मुफ्त में उपलब्ध होगी। इस हफ्ते से यह सेवा बेंगलुरु से शुरू होगी। शुरुआत में कंपनी ने 500 ऑक्सीजन कन्संट्रेटर इसके लिए जुटाए हैं। ओला और गिवइंडिया आने वाले हफ्तों में 10,000 कन्संट्रेटर्स के साथ इस सेवा का विस्तार देश के अन्य हिस्सों में भी करेगी।
ओला एप के जरिये ऑक्सीजन कन्संट्रेटर के लिए आवेदन करने वाले उपभोक्ताओं को कुछ बेसिक जानकारी उपलब्ध करानी होगी। ऐसा करने के बाद, आवेदन की जांच की जाएगी और ओला इसके बाद अपने विशेष प्रशिक्षित कैब ड्राइवर के जरिये उपभोक्ता के घर तक कन्संट्रेटर पहुंचाएगी। मरीज के ठीक हो जाने और उसे कन्संट्रेटर की जरूरत न होने पर ओला डिवाइस को वापस लेगी और उसे अगले जरूरतमंद मरीज के लिए तैयार करने के लिए गिवइंडिया को वापस देगी।
ओला चेयरमैन और ग्रुप सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा कि इस कठिन वक्त में हम सबको साथ आना चाहिए और अपने समाज की सेवा करनी चाहिए। इस मुश्किल वक्त में बहुत जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमनें इस अभियान की शुरुआत की है। भारत से समय कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है और इस वजह से अधिकांश राज्यों में अस्पतालों में ऑक्सीजन और बिस्तरों की कमी हो गई है।
डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म रैजरपेय ने अपने पेमेंट चेकआउट पेज पर डोनेट नाऊ फीचर को लाइव किया है। इसके जरिये उपभोक्ता कितनी भी राशि दान कर सकते हैं। इस फीचर को शुरू करने के 7 दिनों के भीतर 2000 से अधिक मर्चेंट्स ने इस फीचर को अपने यहां लाइव किया और 20 करोड़ रुपये की राशि एकत्रित की।
फिनटेक फर्म पेटीएम ने कहा है कि वह सभी रजिस्टर्ड एनजीओ को अपने पेमेंट गेटवे सर्विस की जीरो ट्रांजैक्शन फीस पर पेशकश कर रही है। एक अन्य टेक कंपनी कोलाबेरा ने कहा कि उसने गुजरात के गोत्री बरोदा में अपने ऑफिस को कर्मचारियों के लिए कोविड केयर सेंटर में बदल दिया है। इस सेंटर को हल्के लक्षण वाले सामान्य नागरिकों के लिए भी खोला गया है, जहां ऑक्सीजन कन्संट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं।
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