नई दिल्ली। मोबाइल एप आधारित टैक्सी सर्विस देने वाली कंपनी ओला ने ऑनलाइन फूड डिलिवरी बिजनेस ‘ओला कैफे’ को बंद कर दिया है। माना जा रहा है कि इस बिजनेस से कंपनी को कोई खास फायदा नहीं हो रहा था, जिसको देखते हुए यह फैसला लिया है। ओला से जुड़े लोगों ने बताया के ओला को स्विग्गी, जोमैटो, टायनी आउल आदि से कड़ी टक्कर मिल रही थी। हालांकि सर्विस बंद करने की अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। गौरतलब है कि एक साल पहले ही कंपनी ने ऑनलाइन फूड डिलिवरी सर्विस शुरू की थी।
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लागात अधिक होने के कारण कारण बंद की सर्विस
ओला कैफे का मैन्यू और डिलिवरी सीमित क्षेत्रों तक ही था। अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए ओला कैफे को ज्यादा से ज्यादा रेस्त्रां के साथ कॉम्प्रिहेंसिव मैन्यू बनाने की जरूरत थी। फूड डिलिवर करने के लिए कंपनी अपना ओला कैब नेटवर्क का इस्तेमाल करती थी। इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक कैब से खाना डिलिवर करने की लागत दो पहिया वाहन की तुलना में काफी ऊंची थी, शायद इसलिए सर्विस कंपनी ने बंद की हो। वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन डिलिवरी मार्केट में कॉम्पिटिसन बहुत ज्यादा है।
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तस्वीरों में देख्ािए टैक्सी कंपनियों की कार पूलिंग सेवा
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देश में फूड स्टार्टअप चलाना मुश्किल काम
देश में ऑनलाइन फूड सर्विस का कारोबार मुश्किल है। ऐसी कई कंपनियां हैं जो 2-3 वर्षों से कारोबार कर रही हैं, लेकिन वह आज भी घाटे में है। इसके अलावा फूड स्टार्टअप्स को धीरे-धीरे फंडिंग की कमी हो जाती है। अधिकांश छोटे फूड-टेक स्टार्टअप बंद हो चुके हैं। वहीं, जोमैटो और टायनी आउल जैसे दिग्गज कंपनी कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रही हैं। इसलिए फंडिंग के पैसों का सही जगह इस्तेमाल करना चाहती है।
बाइक शेयरिंग सर्विस भी करनी पड़ी बंद
ओला ने 3 मार्च को अपनी बाइक शेयरिंग सर्विस लॉन्च की थी। इसके तहत ओला 2 रुपए प्रति किलोमटर की दर से बाइक प्रोवाइड कर रहा थी। लेकिन बाइक टैक्सी की शुरूआत के दूसरे ही दिन रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी ने इस सर्विस को पूरी तरह अवैध करार दे दिया है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक बाइक्स नॉन ट्रांसपोर्ट व्हीकल के रूप में चल रही हैं। न तो उनपर कोई बैज है और ट्रांसपोर्ट व्हीकल के लिए सबसे जरूरी पीला बोर्ड ही लगा है। ऐसे में इस सेवा को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।