नई दिल्ली। कैब सर्विस प्रदाता ओला ने आज कहा कि वह फूडपांडा के इंडिया बिजनेस का अधिग्रहण करेगी। जर्मनी की डिलीवरी हीरो ग्रुप के साथ यह सौदा शेयर अदला-बदली के जरिये होगा। इसके इतर, सॉफ्टबैंक प्रवर्तित ओला ने फूडपांडा इंडिया बिजनेस में 20 करोड़ डॉलर की राशि का निवेश करने की प्रतिबद्धता भी जताई है। यह किसी भारतीय ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग और डिलीवरी कंपनी में अबतक का सबसे बड़ा निवेश होगा।
सौदे के तहत, फूडपांडा के इंडिया बिजनेस को ओला को ट्रांसफर किया जाएगा। हालांकि दोनों ही कंपनियों ने सौदे के आकार का खुलासा नहीं किया है। 2014 में ओला ने ओला कैफे के साथ फूड डिलीवरी बिजनेस में प्रवेश किया था। लेकिन बाद में ओला कैफे को बंद कर दिया गया। जोमेटो और स्वीगी के साथ इस सेगमेंट में एक बार फिर प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है। इसके अलावा उबरईट की शुरुआत के साथ ही यह सेगमेंट एक बार फिर हॉट हो गया है।
इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक ओला फूड डिलीवरी बिजनेस में दोबारा वापसी करने की कोशिश कर रही है और वह इसके जरिये उबरईट्स से सीधा मुकाबला करना चाहती है। फूडपांडा इंडिया का अधिग्रहण इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। फूडपांडा इंडिया के सीईओ सौरभ कोचर ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है। ओला के संस्थापक सदस्य प्रणय जीवराजका को फूडपांडा इंडिया का अंतरिम सीईओ नियुक्त किया गया है और वे मौजूदा टीम के साथ काम कर रहे हैं।
फूडपांडा के प्लेटफॉर्म पर भारत के 100 से अधिक शहरों में 15,000 से अधिक रेस्टॉरेंट रजिस्टर्ड हैं। 2016-17 में इसका राजस्व 62.16 करोड़ रुपए रहा, जो कि इससे पहले के वित्त वर्ष में 37.81 करोड़ रुपए था। 2015-16 में फूडपांडा को 142.64 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था, जो 2016-17 में 69 प्रतिशत घटकर 44.81 करोड़ रुपए रह गया। कंपनी ने कहा था कि उसका लक्ष्य 2019 तक फायदे में आना है।