नई दिल्ली। अमेरिका में कच्चे तेल का उत्पादन कम होने से पिछले हफ्ते उसके भंडार में कमी आई है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतों में जोरदार तेजी देखी जा रही है। पिछले दस दिन में अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल का दाम छह डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ गया है। हालिया तेजी की वजह से भारत में पेट्रोल-डीजल की दाम में भी आग लगी हुई है। यहां पेट्रोल और डीजल की कीमत 1-1 रुपए की वृद्धि के साथ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
तेल के दाम में आई तेजी को अमेरिका द्वारा ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से भी सहारा मिला है क्योंकि ईरान से तेल का निर्यात इस प्रतिबंध से बाधित हुआ है। एनर्जी इन्फॉरमेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में अमेरिका में कच्चे तेल का भंडार 26 लाख बैरल घटकर 40.58 करोड़ बैरल रह गया था।
बाजार के जानकार बताते हैं कि अमेरिकी तेल भंडार में कमी और ईरान पर प्रतिबंध के अलावा वेनेजुएला से तेल की आपूर्ति बाधित होने से भी तेल के दाम को समर्थन मिला है। जानकारों का कहना है कि इस साल कच्चे तेल के दाम में तेजी बनी रह सकती है।
घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सितंबर डिलीवरी तेल वायदा अनुबंध अपराह्न् 16.21 बजे 35 रुपए की तेजी के साथ 4,961 रुपए प्रति बैरल पर बना हुआ था। तेल के दाम में इस सप्ताह एमसीएक्स पर डेढ़ महीने से ज्यादा समय में सबसे बड़ी तेजी आई है। इससे पहले 10 जुलाई 2018 को एमसीएक्स पर तेल का दाम 5,000 रुपए प्रति बैरल से अधिक तक उछला था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी लाइट क्रूड डब्ल्यूटीआई का भाव 69.94 डॉलर प्रति बैरल था, जो पिछले करीब एक महीने का उच्चतम स्तर है, जबकि ब्रेंट क्रूड का भाव 78.05 डॉलर प्रति बैरल था। ब्रेंट क्रूड में डेढ़ महीने से ज्यादा समय के बाद इतनी बड़ी तेजी आई है। जनकार बताते हैं कि भारतीय बाजार में डीजल या पेट्रोल के दाम पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में तेजी आने का असर करीब दो से तीन हफ्ते के बाद दिखता है। ऐसे में माना जा सकता है कि आने वाले दिनों मे पेट्रोल और डीजल के दाम में और इजाफा होगा।