नई दिल्ली। क्रूड ऑयल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतें अपने 11 साल के सबसे निचले स्तर पर आ गई हैं। मांग के मुकाबले आपूर्ति बढ़ने की आशंका के कारण बुधवार को ब्रेंट क्रूड 35 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। एक जुलाई 2004 के बाद का यह सबसे निचला स्तर है। क्रूड की कीमतों में इस गिरावट के बाद से देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में और कटौती की संभावना और बढ़ गई है।
सऊदी अरब- ईरान विवाद से गिरी कीमत
क्रूड कीमतों में मौजूदा गिरावट सऊदी अरब और ईरान के बीच जारी विवाद की वजह से आई है। सऊदी अरब और ईरान के बीच विवाद से आशंका बन गई हैं कि दोनो देश के बीच फिलहाल किसी भी मामले में बातचीत नहीं होगी, जिसमें कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती की संभावना भी क्षीण हो गई है। बाजार को आशंका है कि दोनों देश अपने–अपने स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं। क्योंकि अगर एक ने उत्पादन घटाया तो कीमतों में बढ़त का फायदा दूसरे देश को मिल जाएगा। इसलिए दोनों देश उत्पादन घटाने को राजी नहीं होंगे।
घटती मांग का भी दबाव
इसके साथ ही चीन और भारत में उम्मीद से कम मांग का भी कीमतों पर असर देखने को मिल रहा है। जानकारों के मुताबिक अगर इन दोनों देशों में मांग नहीं देखने को मिलती तो बाकी देशों से मांग बढ़ने का भी कोई असर नहीं होगा। सऊदी अरब और ईरान के विवाद शुरू होने के बाद 3 दिन में क्रूड की कीमतों में 8 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसके साथ ही ओपेक देशों के बीच सप्लाई घटाने को लेकर किसी सहमति की संभावनाएं भी कम हो गई हैं। बाजार को आशंका है कि प्रतिबंध हटने के साथ साल 2016 में ईरान क्रूड की सप्लाई बढ़ा देगा। इससे पहले से ही ओवरसप्लाई के हालात और बिगड़ सकते हैं।
पेट्रोल, डीजल में मिल सकती है राहत
ब्रेंट क्रूड की कीमतों के 35 डॉलर नीचे आने पर पेट्रोल और डीजल कीमतों में राहत मिल सकती है। इंडियन क्रूड बास्केट में ओमान दुबई सोर क्रूड और ब्रेंट क्रूड शामिल हैं। कीमतों में गिरावट से दिसंबर में इंडियन क्रूड बास्केट का औसत 35.95 डॉलर प्रति बैरल था। वहीं ब्रेट क्रूड की कीमत 37 डॉलर के करीब थी। 31 दिसंबर को तेल कंपनियों ने डीजल की कीमत 1.06 और पेट्रोल की कीमत 63 पैसे घटाई थी। हालांकि इसके 2 दिन बाद ही सरकार ने तेल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। अब ब्रेंट में रिकॉर्ड गिरावट और सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से उम्मीद है कि 15 जनवरी की समीक्षा में तेल कंपनियां आम ग्राहकों को कटौती का फायदा दे सकती है।