नई दिल्ली। अच्छी बारिश होने की वजह से चालू खरीफ सत्र में तिलहन की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले 14.41 प्रतिशत बढ़कर 187.14 लाख हेक्टेयर हो गया है। कृषि मंत्रालय के द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। पिछले साल के दौरान अब गत तिलहल फसलों की बुवाई 163.57 लाख हेक्टेयर में की गई थी। तिलहनी फसलों की बुआई में वृद्धि अच्छी खबर है, क्योंकि भारत घरेलू खाद्य तेलों की मांग को पूरा करने के लिए आयात पर काफी हद तक निर्भर है। सरकार का जोर तिलहन उत्पादन के ममाले में देश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाना है। सोयाबीन, मूंगफली, तिल, सूरजमुखी और राम तिल खरीफ मौसम के प्रमुख तिलहन हैं। इनकी फसल अक्टूबर के बाद तैयार हो जाती है। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, किसानों ने चालू खरीफ सत्र में 14 अगस्त तक 118.99 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया है, जबकि एक साल पहले की इसी अवधि के दौरान यह रकबा 111.46 लाख हेक्टेयर था। मूंगफली फसल बुवाई का रकबा 35.01 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 49.37 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि तिलों का रकबा 11.82 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 12.80 लाख हेक्टेयर और उक्त अवधि में अरंडी बीज के खेती का रकबा 3.83 हेक्टेयर से बढ़कर 4.18 लाख हेक्टेयर हो गया है।
इसके अलावा, चालू खरीफ सत्र में अभी तक दलहनों की खेता का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 124.01 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 121.50 लाख हेक्टेयर था। प्रमुख खरीफ फसल, धान की बुवाई का रकबा पिछले साल के समान अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक बढ़कर 1,015.58 लाख हेक्टेयर में लगाया गया है, जबकि पिछले खरीफ़ मौसम में यह रकबा 935.70 लाख हेक्टेयर था। समीक्षाधीन अवधि में मोटे अनाज की बुवाई का रकबा बढ़कर 168.12 लाख हेक्टेयर हो गया जो पिछले साल की समान अवधि में 162.28 लाख हेक्टेयर था।
नकदी फसलों में, चालू खरीफ मौसम में कपास की बुवाई अब तक मामूली वृद्धि के साथ 125.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की गई है, जबकि एक साल पहले यह रकबा 121.58 लाख हेक्टेयर ही थी। गन्ना की बुवाई का रकबा इस बार 52.02 लाख हेक्टेयर है जो पहले 51.40 लाख हेक्टेयर था। जबकि इस बार जूट की बुवाई 6.96 लाख हेक्टेयर में की गयी है जो रकाब पहले 6.85 लाख हेक्टेयर थी। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 के खरीफ मौसम में खरीफ फसलों की बुवाई का कुल क्षेत्रफल 8.5 प्रतिशत बढ़कर 1,015.58 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पहले 935.70 लाख हेक्टेयर था। देश में 13 अगस्त तक प्राप्त वास्तविक वर्षा, 569.2 मिमी की सामान्य बरसात के मुकाबले अधिक यानी 578.2 मिमी थी। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, 123 जलाशयों में पिछले वर्ष की समान अवधि के 88 प्रतिशत के बराबर पानी है।