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उत्पादक राज्यों को सकल कीमत पर रायल्टी का भुगतान करेंगी सार्वजनिक तेल कंपनियां

असम जैसे तेल उत्पादक राज्यों को अप्रत्याशित लाभ देते हुए सरकार ने सार्वजनिक तेल कंपनी ओएनजीसी तथा आयल इंडिया को आदेश दिया है।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : July 19, 2016 8:40 IST
उत्पादक राज्यों की भरेगी झोली, सकल कीमत पर रायल्टी का भुगतान करेंगी सरकारी तेल कंपनियां
उत्पादक राज्यों की भरेगी झोली, सकल कीमत पर रायल्टी का भुगतान करेंगी सरकारी तेल कंपनियां

नई दिल्ली। असम जैसे तेल उत्पादक राज्यों को अप्रत्याशित लाभ देते हुए सरकार ने बड़ी घोषणा की है। सरकार ने सार्वजनिक तेल कंपनी ओएनजीसी तथा ऑयल इंडिया को आदेश दिया है कि वे उक्त राज्यों को रायल्टी का भुगतान कच्चे तेल के सकल मूल्य पर करें न कि वास्तविक वसूली की शुद्ध दर के आधार पर।

पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस बारे में उक्त दोनों कंपनियों को आदेश जारी किए हैं। सरकारी व्यवस्था के तहत ओएनजीसी तथा ऑयल इंडिया कच्चे तेल पर छूट की पेशकश करती हैं ताकि वे सरकार द्वारा नियंत्रित दरों पर केरोसीन और रसोई गैस (एलपीजी) की बिक्री के कारण रिफाइनरियों को होने वाले नुकसान की कुछ भरपाई कर सकें। अक्तूबर 2014 तक यह छूट डीजल पर भी दी जा रही थी हालांकि बाद में इसकी कीमतों को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया।

इस तरह से ओएनजीसी, ऑयल इंडिया कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर सकल बिल बनाती हैं लेकिन सब्सिडी छूट के मद को शामिल करने के बाद उनकी वास्तविक वसूली कम रहती है। हालांकि उत्पादक राज्यों का मानना है कि ओएनजीसी तथा आयल इंडिया को सकल बिलिंग पर रायल्टी का भुगतान करना चाहिए। गुजरात उच्च न्यायालय ने नवंबर 2013 में इस बारे में राज्य सरकार के पक्ष में फैसला दिया और ओएनजीसी से बकाया रायल्टी मद में लगभग 10,000 करोड़ रुपए चुकाने को कहा गया।

इसके बाद असम जैसे अन्य राज्यों ने भी इसी तरह की व्यवस्था की मांग की। असम में कांग्रेस का शासन रहने के दौरान पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कहते रहे कि यह राहत हासिल करने के लिए राज्य सरकारों को अदालत के पास जाना चाहिए। लेकिन असम में भाजपा की सरकार के आने के बाद पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले सप्ताह आदेश जारी किए और ओएनजीसी तथा आयल इंडिया से कहा कि वे रायल्टी का भुगतान एक फरवरी 2014 से छूट-पूर्व दर पर करें।

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