नई दिल्ली। तेल एवं गैस की खोज करने वाली देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी ऑयल इंडिया लि.(ओआईएल) का मार्च में समाप्त चौथी तिमाही का शुद्ध लाभ आठ प्रतिशत घट गया। कच्चे तेल का उत्पादन घटने से कंपनी का मुनाफा भी नीचे आया है। कंपनी ने बयान में कहा कि बीते वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ घटकर 847.56 करोड़ रुपये या 7.82 रुपये प्रति शेयर रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 925.65 करोड़ रुपये या 8.54 रुपये प्रति शेयर रहा था। तिमाही के दौरान कंपनी को प्रत्येक बैरल कच्चे तेल पर 59.80 डॉलर मिले, जो एक साल पहले 5.18 डॉलर प्रति बैरल रहा था। हालांकि, जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनी का कच्चे तेल का उत्पादन 5.28 प्रतिशत घटकर 7.2 लाख टन रह गया। गैस उत्पादन हालांकि, 0.649 अरब घनमीटर पर स्थिर रहा।
चौथी तिमाही में कंपनी का कारोबार बढ़कर 3,909.61 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 3,583.72 करोड़ रुपये रहा था। तेल कीमतों में गिरावट से समूचे वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का शुद्ध लाभ घटकर 1,741.59 करोड़ रुपये रह गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में 2,584.06 करोड़ रुपये रहा था। समूचे वित्त वर्ष 2020-21 कच्चे तेल पर औसत प्राप्ति 43.98 डॉलर प्रति बैरल रही, जो इससे पिछले साल 2019-20 के 60.75 डॉलर प्रति बैरल से 27.61 प्रतिशत कम है। इसी तरह प्राकृतिक गैस पर औसत प्राप्ति 1.37 डॉलर घटकर 2.09 डॉलर प्रति दस लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) रह गई। वित्त वर्ष 2020-21 में कच्चे तेल का उत्पादन 5.42 प्रतिशत घटकर 29.64 लाख टन रह गया, जो 2019-20 में 31.34 लाख टन रहा था। प्राकृतिक गैस का उत्पादन भी 5.68 प्रतिशत घटकर 264.2 करोड़ घनमीटर रह गया। आयल इंडिया के निदेशक मंडल ने 2020-21 के लिए 1.50 रुपये प्रति शेयर के अंतिम लाभांश की सिफारिश की है। इससे पहले फरवरी में कंपनी ने 3.50 रुपये प्रति शेयर का अंतरिम लाभांश दिया था।