नई दिल्ली। रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचे पेट्रोल और डीजल की कीमतो में कटौती की उम्मीद बन गई है। विदेशी बाजारों में कच्चे तेल की कीमत करीब 3 हफ्ते के निचले स्तरों पर पहुंच गयी है। दुनिया भर के कई देशों में कोरोना की नई लहर आने की आशंका से क्रूड की मांग पर दबाव बनने लगा है, जिससे कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। अगर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी इसी तरह जारी रही, तो जल्द ही आम लोगों को पेट्रोल और डीजल में राहत मिल सकती है।
70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे पहुंचा ब्रेंट
ब्रेट क्रूड फिलहाल 70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आ गया है, वहीं आज के कारोबार के दौरान अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट ब्रेंट क्रूड की कीमतें 69 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे पहुंच गया। 20 जुलाई के बाद से ब्रेंट क्रूड इस स्तर से ऊपर ही बना हुआ था। यानि फिलहाल कच्चे तेल में नरमी का रुख देखने को मिल रहा है, अगर सरकार की आय में बढ़त का रूख बना रहता है और इसी के साथ ब्रेंट भी इस स्तर के नीचे रहता है तो कीमतों में कटौती की संभावनायें काफी बढ़ जायेगी।
4 महीनों के दौरान क्रूड में सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट
बीता हफ्ता कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट का हफ्ता रहा है। ब्रेंट क्रूड बीते हफ्ते करीब 6 प्रतिशत लुढ़का था। ये बीते 4 महीने में ब्रेंट के लिये सबसे गिरावट वाला हफ्ता साबित हुआ। वहीं इसके साथ ही डब्लूटीआई में बीते हफ्ते 7 प्रतिशत की गिरावट रही है और ये डब्लूटीआई क्रूड के लिये 9 महीने में सबसे तेज गिरावट दर्ज करने वाला हफ्ता रहा।
क्यों आ रही है गिरावट
चीन में एक बार फिर कोरोना के मामलों में बढ़त देखने को मिल रही है। सोमवार को 125 नये कोरोना मामले सामने आये, इससे पिछले दिन नये मामलों की संख्या 96 थी। इसके साथ ही मलेशिया और थाईलैंड में भी नये मामलों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। वहीं चीन में जुलाई के कारोबारी आंकड़े अनुमानों से कमजोर रहे हैं। चीन का क्रूड आयात लगातार घट रहा है। इन सब संकेतों से मांग में गिरावट आने का अनुमान लगाया जा रहा है, जिससे कीमतों पर असर देखने को मिल रहा है।
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