गुवाहाटी। केंद्र ने पूर्वोत्तर में तेल एवं प्राकृतिक गैस का उत्पादन अगले 15 साल में दोगुना करने की योजना बनाई है। इस उद्देश्य के लिए 1,30,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पूर्वोत्तर भारत के लिए हाइड्रोकार्बन दृष्टिकोण-2030 जारी करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में तेल एवं गैस क्षेत्र में बड़ी संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, हमने पूर्वोत्तर के लिए अलग से दृष्टिकोण पत्र तैयार करने का फैसला किया है ताकि इस क्षेत्र को आगे ले जाया जाए। प्रधान ने कहा कि इस सारे क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं और इसके विकास के लिए विशेष ध्यान दिए जाने तथा निवेश की जरूरत है। पूर्वोत्तर भारत के लिए हाइड्रोकार्बन दृष्टिकोण 2030 में तेल एवं प्राकृतिक गैस का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है।
मंत्री ने कहा, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम अगले 15 साल में पूर्वोत्तर में 1.3 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। इसका मतलब यह हुआ है कि हर साल 8000-10000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा और इसमें ज्यादातर निवेश असम में होगा। उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी कंपनियों के साथ मिलकर नई टेक्नोलॉजी लाई जाएगी और रिफाइनरियों को अपग्रेड किया जाएगा ताकि वे बीएस छह मानक के ईंधन का उत्पादन कर सकें। उन्होंने कहा कि इस अवधि में क्षेत्र में वितरण नेटवर्क का भी विस्तार किया जाएगा। प्रस्तावित 1,30,000 करोड़ रुपए के निवेश में 80000 करोड़ रुपए उत्खनन गतिविधियों में लगाया जाएगा।