नई दिल्ली। पाकिस्तान में बनने जा रही नई सरकार के सामने अपने देश के आर्थिक हालात सुधारने का सबसे बड़ा चैलेंज होगा। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 10 अरब डॉलर रह गया है और उसके कुल विदेशी मुद्रा भंडार का काफी बड़ा हिस्सा उसके गोल्ड रिजर्व के तौर पर पड़ा हुआ है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में सोने का आधिकारिक रिजर्व 64.6 टन है और वह दुनियाभर में गोल्ड रिजर्व के मामले में 44वें स्थान पर है।
11 साल से नहीं खरीदा सोना
पाकिस्तान के आर्थिक हालात काफी समय से खराब चल रहे हैं, आलम ये है कि 11 साल यानि 2007 के बाद पाकिस्तान अपने आधिकारिक सोने के रिजर्व में 1 किलो भी सोना नहीं जोड़ पाया है। उल्टे 2010 में उसके गोल्ड रिजर्व में 1 टन की गिरावट देखने को मिली थी।
पाकिस्तान में ऐसी है सोने की मांग
खराब आर्थिक हालात की वजह से हाल के दिनों में पाकिस्तान में सोने की मांग में कमी देखने को मिली है। WGC की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक जून में खत्म तिमाही के दौरान पाकिस्तान में ज्वैलरी के लिए सोने की मांग 12 प्रतिशत घटकर सिर्फ 6 टन रही है जो पिछली 11 तिमाही में सबसे कम मांग है। ज्वैलरी की तरह पाकिस्तान में सोने की छड़ों और सिक्कों की मांग में भी जून तिमाही के दौरान 10 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह मांग सिर्फ 3.9 टन दर्ज की गई है। जून तिमाही में सोने के लिए उसकी कुल उपभोक्ता मांग 11 प्रतिशत घटकर 9.9 टन दर्ज की गई है जो पिछली 9 तिमाही में सबसे कम है।