नई दिल्ली। वायु प्रदूषण से 2060 तक समय पूर्व 60 से 90 लाख लोगों की मौत हो सकती है। इस मामले में भारत और चीन में जोखिम अधिक है। इन देशों में वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या सबसे अधिक हो सकती है। OECD एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) की रिपोर्ट के अनुसार इस समस्या से बीमार पड़ने के दिन, चिकित्सा बिल तथा कृषि उत्पादन घटने के संदर्भ में वैश्विक जीडीपी का करीब एक फीसदी लागत आएगी जो करीब 2600 अरब डॉलर सालाना है।
वायु प्रदूषण का आर्थिक परिणाम (द इकोनामिक कॉन्सक्वेंसेस ऑफ एयर पाल्यूशन) शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार 2010 में वायु प्रदूषण की वजह से समय से पहले 30 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण से 2060 तक समय से पहले 60 से 90 लाख लोगों की मौत होने की आशंका है।
इसमें कहा गया है कि वायु प्रदूषण से मृत्यु दरों में सर्वाधिक वृद्धि भारत, चीन, कोरिया तथा उजबेकिस्तान जैसे मध्य एशियाई देशों में होने का अनुमान है। इन देशों में बढ़ती आबादी तथा शहरों में भीड़-भार का मतलब है कि वे बिजली संयंत्रों से होने उत्सर्जन तथा यातायात समस्या से सर्वाधिक प्रभावित होंगे।
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