पेरिस। आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) ने पनामा दस्तावेजों के खुलासे के मद्देनजर 13 अप्रैल को भारत सहित अन्य देशों का एक विशेष सत्र बुलाया है। इस बैठक का मकसद पनामा दस्तावेजों के खुलासे के मद्देनजर विभिन्न देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है। पनामा दस्तावेजों के खुलासे में 500 ऐसे भारतीयों का नाम आया है, जिनके पास टैक्स हैवन देशों में संपत्तियां हैं।
इस मामले की जांच के लिए गठित विभिन्न एजेंसियों के जांच दल की शुक्रवार को नई दिल्ली में पहली बैठक हुई, जिसमें इस मामले में समर्थन जुटाने के लिए वैश्विक निकाय और इसी तरह के समान मंच एफएटीएफ से संपर्क करने का फैसला किया गया। भारत विदेशी कर सहयोग और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए ओईसीडी के कई नियमों का पालन करता है।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ओईसीडी की बैठक के न्योते की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह बैठक पनामा खुलासे से प्रभावित देशों के लिए है। अधिकारी ने कहा कि बैठक में भारत के प्रतिनिधित्व का फैसला सिर्फ सरकार को करना है। ओईसीडी सचिवालय के बयान में कहा गया है कि यह बैठक पेरिस में 13 अप्रैल को होनी है। इस बैठक में विभिन्न देशों के टैक्स अथॉरिटी से जुड़े अधिकारी शामिल होंगे, जिसमें ज्वाइंट इंटरनेशनल टैक्स शेल्टर इंफोर्मेशन एंड कोलेबोरेशन (जेआईटीएसआईसी) नेटवर्क के जरिये आपसी सहयोग, सूचनाओं का आदान-प्रदान और टैक्स जोखिमों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।