नई दिल्ली। डायरेक्ट टू सेल स्टार्टअप न्यूमी (NYUMI) ने शहरी भारतीय महिलाओं के लिए खासतौर से तैयार उत्पाद पेश किए हैं। भारतीय महिलाओं में पोषण की कमी की खास आवश्यकता की पूर्ति के लिए इन उत्पादों को भारतीय जड़ी बूटियों और पश्चिमी अवयवों के मेल से तैयार किया गया है, जो वेजन, ग्लूटेन व एलर्जेन फ्री हैं। इन उत्पादों में इम्युनिटी, केश, त्वचा, नींद और यूरिनरी ट्रैक्ट का स्वास्थ्य शामिल है।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के साथ दैनिक प्रतिरक्षण, वेलनेस और पोषण के मामले अहम चिन्ता के मुद्दे बन गए हैं, जिससे न्यूट्रास्यूटिकल उद्योग का जोरदार विकास हुआ है। महिलाओं के लिए दैनिक पोषण सप्लीमेंट की खोज करने की जिम्मेदारी लेते हुए जर्मन फार्मासिस्ट और न्यूमी के भारतीय न्यूट्रीशनिस्ट की टीम ने डायट और कमियों पर अनुसंधान किया और भारतीय महिलाओं में आम तौर पर होने वाली कमी की भरपाई करने वाले पोषणों का निर्माण करने के लिए दुनिया भर से अवयव तलाशे गए और ऐसे उत्पाद बनाए गए, जिससे अधिकतम कार्यकुशलता और जैव उपलब्धता सुनिश्चित हो।
प्रत्येक उत्पाद वैज्ञानिक तौर पर जांचा हुआ है और सर्वश्रेष्ठ भारतीय व पश्चिमी अवयवों का वैज्ञानिक तौर पर परीक्षित मेल है। सभी चीजें पूरी सावधानी से प्राप्त की जाती हैं, सभी अवयवों का चिकित्सीय अनुसंधान होता है और कई चीजें पेटेंट कराई हैं और अर्क हैं। नए उत्पाद कंपनी के मिशन की शुरुआत भर हैं जो महिलाओं को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण मामलों को दूर करने के लिए है। न्यूमी की संस्थापक और सीईओ अनन्या केजरीवाल अग्रवाल हावर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए और ओलिन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग व डिजाइन थिंकिंग से बीएस हैं। वे भिन्न उत्पादों के लिए काम कर चुकी हैं। सिएटल में वे माइक्रोसॉफ्ट और हेडस्पेस के लिए उत्पाद, विकास और कारोबारी परिचालनों के लिए काम कर चुकी हैं। यहां उन्होंने स्केलेबेल उत्पाद बनाना सीखा जिसे बच्चे पसंद करते हैं।
अन्नया ने कहा कि पोषण से समझौता नहीं किया जाना चाहिए और इसीलिए मैंने न्यूमी की शुरुआत की है। हमारा मानना है कि विज्ञान कोई साधारण प्रक्रिया नहीं है बल्कि चलती रहने वाली एक यात्रा है। हम लोगों ने अपने सभी उत्पादों के लिए अनुसंधान और विकास में भारी निवेश किया है ताकि अधिकतम कार्यकुशलता और जैव उपलब्धता सुनिश्चित हो सके। साथ ही हम लोगों ने स्वादिष्ट फ्लेवर भी तैयार किए हैं। हमारे सभी अवयवों की जांच की जा चुकी है न सिर्फ पोषण के फायदों के लिए बल्कि उनके स्रोत की गुणवत्ता, चिकित्सीय रिपोर्ट और अन्य अवयवों के साथ अनुकूलनता की भी जांच की जा चुकी है।