नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनटीपीसी बकाए के भुगतान में देरी के कारण बीएसईएस यमुना पावर लि. (बीवाईपीएल) को बिजली सप्लाई रोकने के विकल्प पर विचार कर रही है। बीवाईपीएल दिल्ली के बड़े हिस्से में बिजली सप्लाई करती है।
एक सूत्र ने कहा कि दिल्ली की विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा बकाए का भुगतान नहीं करने पर एनटीपीसी के लिए गर्मियों के मौसम में बिजली की भरोसेमंद आपूर्ति बनाए रखना मुश्किल होगा। दिल्ली में गर्मियों में व्यस्त समय में बिजली की अधिकतम मांग 6,600 मेगावाट तक पहुंच जाने का अनुमान है। सूत्र के अनुसार अगर बकाए का भुगतान जल्द नहीं किया गया तो एनटीपीसी आने वाले दिनों में बिजली सप्लाई रोकने समेत अन्य सभी विकल्पों पर विचार कर सकती है।
किस पर कितना बकाया
- एनटीपीसी दिल्ली में बिजली की सबसे बड़ी आपूर्तिकर्ता कंपनी है। वह कुल 3,930 मेगावाट बिजली की सप्लाई करती है।
- इसमें एपीसीपीएल झज्जर (एनटीपीसी, दिल्ली सरकार और हरियाणा का संयुक्त उद्यम) की 693 मेगावाट बिजली भी शामिल है।
- एनटीपीसी की कुल 3,930 मेगावाट में से 2,000 मेगावाट की आपूर्ति बीएसईएस की बिजली वितरण कंपनियों बीएसईएस राजधानी पावर लि. (बीआरपीएल) और बीएसईएस यमुना पावर लि. (बीवाईपीएल) को की जाती है।
- एनटीपीसी दोनों कंपनियों को हर महीने करीब 300 करोड़ रुपए मूल्य की बिजली सप्लाई करती है।
- एनटीपीसी और इन बिजली वितरण कंपनियों के बीच बिजली खरीद समझौते के तहत इन ऊर्जा बिल का भुगतान कैलेंडर महीने के भीतर करना होता है।
- सूत्र के अनुसार हालांकि, बिजली वितरण कंपनियां (खासकर बीवाईपीएल) शर्तों के तहत भुगतान नहीं कर रही है।
- करीब 10 महीने बीत जाने बाद भी बीवाईपीएल के ऊपर 239 करोड़ रुपए का बकाया है।
- एनटीपीसी का कहना है कि उसकी ऊर्जा उत्पादन लागत में 70 प्रतिशत खर्च ईंधन पर खर्च होता है।
- यह राशि ईंधन आपूर्तिकर्ता कंपनियों को पहले ही अदा की जा चुकी है।