नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) की योजना 2022 तक 10 गीगावॉट (10,000 मेगावॉट) सौर बिजली क्षमता जोड़ने की है। एक सूत्र ने यह जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी इस पर करीब 50,000 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यह निवेश मुख्य रूप से ग्रीन बांड के जरिये वित्तपोषित किया जाएगा।
अभी एनटीपीसी की स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता 920 मेगावॉट की है। इसमें मुख्य रूप से सौर बिजली क्षमता शामिल है। एनटीपीसी ने 2032 तक 130 गीगावॉट की कंपनी बनने के लिए दीर्घावधि की योजना बनाई है। इसमें से 30 प्रतिशत अक्षय ऊर्जा क्षमता होगी।
सूत्र ने कहा कि कंपनी इस वित्त वर्ष के अंत तक 2,300 मेगावॉट सौर ऊर्जा के लिए निविदा निकालने का काम पूरा कर लेगी। उसके बाद कंपनी की योजना 2020-21 और 2021-22 में चार-चार गीगावॉट की क्षमता और जोड़ने की है।
सूत्र ने कहा कि कंपनी बाजार से किसी भी तरह का कर्ज जुटाने को तैयार है, बशर्ते यह सस्ता होना चाहिए। हालांकि, मुख्य रूप से कंपनी ग्रीन बांड के जरिये धन जुटाएगी। ये बांड शुद्ध रूप से स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के लिए पेश किए जाएंगे। कंपनी का इरादा घरेलू ग्रीन बांड के जरिये धन जुटाने का है। एनटीपीसी की 10 गीगावॉट सौर ऊर्जा क्षमता जोड़ने की योजना इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि भारत ने 2022 तक 175 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य रखा है।
सूत्र ने कहा कि कंपनी कुछ सौर ऊर्जा परियोजनाएं उस योजना के तहत भी स्थापित करेगी, जिनमें उसे परियोजनाओं को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए वित्तपोषण मिलेगा। इससे वह दरों को तीन रुपए प्रति यूनिट से नीचे रख पाएगी।