नई दिल्ली। सरकार ने कैंसर, एचआईवी, मलेरिया व जीवाणु संक्रमण सहित विभिन्न रोगों के इलाज में काम आने वाली 22 जरूरी दवाओं की अधिकतम कीमत तय कर दी है, जिससे इनकी कीमतों में 10-45 फीसदी तक की गिरावट आई है। दवा कीमत नियामक एनपीपीए ने 13 फॉर्मूलेशन के लिए भी रिटेल कीमत तय की है।
राष्ट्रीय दवा कीमत प्राधिकार (एनपीपीए) ने एक बयान में यह जानकारी दी है। इसके अनुसार, एनपीपीए ने दवा (कीमत नियंत्रण : संशोधन आदेश) 2016 के तहत अनसूची-1 की 22 अनसूचित फॉर्मूलेशन के लिए अधिकतम कीमत तय/संशोधित की है। एनपीपीए के चेयरमैन भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कीमतों में 10 से 45 फीसदी की कटौती की गई है। कुछ दवाओं की कीमत 10 फीसदी कम की गई है तो कुछ दवाओं की कीमत 45 फीसदी तक घटाई गई है। दवा (कीमत नियंत्रण) आदेश (डीपीसीओ) 2013 के तहत एनपीपीए अनुसूची एक की जरूरी दवाओं की अधिकतम कीमत तय करता है।
दवा नियंत्रण के दायरे में न आने वाली दवाओं के लिए निर्माताओं को हर साल 10 फीसदी रिटेल कीमत बढ़ाने की अनुमति है। सरकार ने डीपीसीओ 2013 को 15 मई 2014 को अधिसूचित किया है, जिसके तहत 680 फॉर्मूलेशन आते हैं। एनपीपीए की स्थापना 1997 में हुई थी।