नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अब 500 करोड़ रुपए तक के गैर योजना व्यय प्रस्तावों को मंजूरी दे सकेंगे। अभी तक यह सीमा 150 करोड़ रुपए थी। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी। नए निर्देशों के अनुसार सक्षम प्राधिकरण जो कि मंत्रालय या विभाग का मंत्री है, अब 75 करोड़ रुपए से लेकर 500 करोड़ रुपए तक की योजना-परियोजना को मंजूरी दे सकेगा। इससे पहले तक मंत्रियों के पास 150 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी देने का अधिकार था।
75 करोड़ रुपए तक के प्रस्ताव प्रशासनिक मंत्रालय-विभाग का सचिव मंजूर कर सकेगा। 500 करोड़ रुपए से 1,000 करोड़ रुपए तक की गैर-योजना योजनाओं के मामले में सक्षम प्राधिकरण प्रभारी मंत्री या वित्त मंत्री होंगे। वहीं 1,000 करोड़ रुपए से अधिक के व्यय के लिए कैबिनेट या मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की मंजूरी की जरूरत होगी।
वित्त मंत्रालय के कार्यालय मेमो में वित्तीय अधिकार प्रदान करने के नियमों, 1978 में बदलाव करते हुए कहा गया है कि तीन सदस्यीय गैर योजना व्यय (सीएनई) का गठन किया गया है, जिसके चेयरमैन व्यय सचिव हैं। इसके अन्य सदस्यों में नीति आयोग के सीईओ तथा संबंधित विभाग के सचिव होंगे।