तोक्यो। जापान विश्व भर के 150 देशों में अफरा-तफरी की स्थिति पैदा कर देने वाले रैनसमवेयर साइबर हमले का शिकार बना है। इस हमले ने अब तक 600 स्थानों के सैंकड़ों कंप्यूटरों को अपनी चपेट में लिया है। इंटरनेट के जानकारों के अनुसार इंटरनेट पर अब तक का सबसे बड़े हमलों में से एक है।दुनिया के 99 देशों में हुआ रैनसमवेयर कंप्यूटर वायरस का हमला, मोबाइल-कंप्यूटर में घुसकर मांगता है पैसे
जापान की इन कंपनियों पर बड़ा हमला
निसान मोटर कोर्प ने इस बात की पुष्टि की है कि कुछ इकाइयों को निशाना बनाया गया लेकिन हमारे कारोबार पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। हिताची की प्रवक्ता यूको तैनूची ने कहा कि ईमेल धीमे चल रहे थे या फिर पहुंच नहीं पा रहे थे। फाइलें खुल नहीं पा रही थीं।
अभी तक नहीं हुई फिरौती की मांग
कंपनी का मानना है कि हालांकि कोई फिरौती मांगी नहीं गई है लेकिन ये समस्याएं रैनसमवेयर हमले से जुड़ी हैं। समस्याओं को सुलझाने के लिए वे सॉफ्टवेयर डाल रहे हैं। कंप्यूटर हमलों से निपटने के लिए सहयोग करने वाली गैर सरकारी संस्था द जापान कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम कॉर्डिनेशन सेंटर ने कहा कि अब तक जापान में 600 स्थानों पर 2000 कंप्यूटरों के प्रभावित होने की सूचना है।सोमवार आने के साथ ही बढ़ा साइबर हमले का खतरा, कारोबारियों और संस्थानों के छूट रहे पसीने
इंटरनेट की दुनिया में बड़ा हमला
वानाक्राई नामक इस हमले ने ब्रिटेन के अस्पतालों के तंत्र, जर्मनी के राष्ट्रीय रेलवे, दुनिया भर की अन्य कंपनियों और सरकारी एजेंसियों को संचालित करने वाले कंप्यूटरों को पंगु बना दिया था। यह हमला इंटरनेट की दुनिया में सबसे बड़ी फिरौती की योजना हो सकता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह दुनिया के बड़े हमलों में से एक है। इससे पहले सन 2013 में स्पैम से लड़नेवाली एक संस्था का एक वेबसाइट चलानेवाली कंपनी के साथ मतभेद हो गया जिसकी प्रतिक्रिया में इंटरनेट की मूलभूत सुविधाओं पर हमले होने लगे थे।माइक्रोसाफ्ट ने कहा- रैंसमवेयर साइबर हमला सरकारों को भविष्य के खतरों को लेकर आगाह करने वाला