नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अशंधारकों को अब भविष्य निधि (पीएफ) की राशि निकालने के लिए अपनी कंपनी के चक्कर नहीं लगाने होंगे। EPFO ने पीएफ निकासी दावों के ऑनलाइन निपटान की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अंशधारकों को कंपनी के सत्यापन के बिना ही आवेदन जमा कराने की मंजूरी दी है। मौजूदा व्यवस्था के तहत अंशधारकों को पीएफ निकासी संबंधी अपने आवेदन को मौजूदा या पूर्व कंपनी से सत्यापन कराकर जमा कराना होता है। अभी तक यह सत्यापन अनिवार्य था।
यह सुविधा उन अंशधारकों के लिए होगी, जिनका यूनिवर्सल (या पोर्टेबल पीएफ) खाता संख्या (यूएएन) सक्रिय हो चुका है और जिसे बैंक खाता और आधार संख्या जानकारी दी जा चुकी है। ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त केके जालान ने बताया कि निकासी दावे सीधे ईपीएफओ के यहां दाखिल करने की सुविधा से अंतत: हमें इस तरह के आवेदनों के ऑनलाइन निपटान की सुविधा शुरू करने में मदद मिलेगी।
ईपीएफओ के कार्यालयी आदेश में कहा गया है कि कर्मचारी अपने दावे फॉर्म-19, आईओसी और फॉर्म-31 बिना सत्यापन के सीधे ईपीएफओ कार्यालय में जमा कर सकेंगे। यह नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। हालांकि, अंशधारक को अपने आवेदन फॉर्म मैनुअली संबंधित भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय में जमा कराना होगा। बिना कंपनी के सत्यापन के लिए अंशधारक को नया फॉर्म 19 यूएएन, 10-सी यूएएन और 31 यूएएन भरना होगा। ईपीएफओ वेबसाइट के मुताबिक 2.13 करोड़ अंशधारकों ने अपना यूएएन नंबर एक्टीवेट कर लिया है। संगठन ने अभी तक 5.65 करोड़ अंशधारकों को यूएएन नंबर जारी किए हैं।