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अब निजी क्षेत्र के बैंकों में भी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर सकता है CVC, RBI ने दी मंजूरी

सीवीसी अब निजी क्षेत्र के बैंकों तथा उनके कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर सकता है। RBI ने सीवीसी को आवश्यक मंजूरी दे दी है।

Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : June 26, 2017 19:34 IST
अब निजी क्षेत्र के बैंकों में भी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर सकता है CVC, RBI ने दी मंजूरी
अब निजी क्षेत्र के बैंकों में भी भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर सकता है CVC, RBI ने दी मंजूरी

नयी दिल्ली। निजी बैंकों में जारी भ्रष्‍टाचार पर लगाम कसने के लिए रिजर्व बैंक ने बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) अब निजी क्षेत्र के बैंकों तथा उनके कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर सकता है। सतर्कता आयुक्त टी एम भसीन ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक ने इस बारे में सीवीसी को आवश्यक मंजूरी दे दी है।

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल व्यवस्था दी थी कि भ्रष्टाचार निरोधक कानून, 1988 के तहत किसी मामले में निजी क्षेत्र के बैंकों के चेयरमैन, प्रबंध निदेशकों और अन्य अधिकारियों को भी लोकसेवक के रूप में देखा जाना चाहिए। सीवीसी एक सांविधिक निकाय है जो केंद्र सरकार के विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों (बैंकों और बीमा कंपनियों सहित) और उनके कर्मचारियों के खिलाफ रिश्‍वतखोरी आदि के मामलों की जांच करता है। यह भी पढ़ें: बैंक के रवैये से हैं परेशान तो आपके पास है बैंकिंग लोकपाल की ताकत, शिकायत करने का ये है तरीका

शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि रिजर्व बैंक के लाइसेंस के तहत बैंकों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार रोधक कानून के तहत लोक सेवक माना जाएगा। न्यायालय ने कहा था कि निजी या सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारी आम जनता के लिए सेवाएं देते हैं इसलिए वे इस कानून के तहत आते हैं। उच्चतम न्यायालय ने बैंकिंग नियमन कानून की धारा 46ए का भी हवाला देते हुए कहा था कि इस तरह के बैंक अधिकारियों को सरकारी अधिकारी माना जाए।

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