नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी फिच ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस दावे को छोटा साबित कर दिया जब उसने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नोटबंदी का लघु अवधि में भारत की वृद्धि दर पर नकारात्मक असर होगा, पर पूरे वित्त वर्ष में इसकी वजह से जीडीपी में मामूली कमी ही आएगी। फिच रेटिंग्स ने यह अनुमान अपनी ताजा रिपोर्ट में लगाया है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को राज्यसभा में अपने भाषण में कहा था कि नोटबंदी की वजह से राष्ट्रीय आय, जो कि इस देश का सकल घरेलू उत्पाद है, इस फैसले के कारण दो फीसदी कम हो सकती है। इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि इस फैसले का अंतिम परिणाम क्या होगा, इसके बारे में कोई नहीं जानता।
- रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि देश की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर मध्यम अवधि में चीन की वृद्धि दर से ऊंची रहेगी।
- फिच ने कहा कि सुधारों तथा मौद्रिक नीति में नरमी से अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर रफ्तार पकड़ेगी।
- रेटिंग एजेंसी ने कहा कि लघु अवधि में जीडीपी वृद्धि पर इसका असर नकारात्मक होगा।
- बाद में यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि नकदी संकट की स्थिति क्या रहती है।
फिच एशिया प्रशांत सॉवरेन समूह के निदेशक थॉमस रूकमाकर ने कहा,
तिमाही के दौरान वृद्धि आंकड़ों में उल्लेखनीय गिरावट आने का अंदेशा है, हालांकि, पूरे वित्त वर्ष में यह गिरावट कम रहेगी।