नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद 25,000 करोड़ रुपए का नकदी आधारित लेनदेन डिजिटल हो गया है। यानी इस तरह का लेनदेन अब डिजिटल माध्यमों से हुआ।
भारतीय स्टेट बैंक के आर्थिक अनुंसधान विभाग ने 30 दिंसबर 2016 से तीन जनवरी 2017 के दौरान किए गए अपने सर्वेक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।
- इसके अनुसार 15 प्रतिशत लेनदेन अब मोबाइल वॉलेट व प्वॉइंट ऑफ सेल मशीनों जैसे इलेक्ट्रॉनिक भुगतान तौर तरीकों के जरिए हो रहे हैं।
- एसबीआई रिसर्च ने ईकोरेप रिपोर्ट में कहा है, इसका मतलब यह है कि बीते दो महीने में नकदी आधारित 25,000 करोड़ रुपए का लेनदेन अब डिजिटली हो रहा है।
- अगर ऐसा है तो यह अच्छी शुरुआत है।
फरवरी आखिर तक हालात सामान्य होने की उम्मीद
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने आज कहा कि नोटबंदी से पैदा हुए मौजूदा हालात फरवरी के आखिर तक सामान्य हो जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण पर जोर दिया।
- भट्टाचार्य ने कहा, हमारा मानना है कि नोटबंदी से उपजे हालात फरवरी के आखिर तक सामान्य हो जाएंगे।
- उन्होंने कहा कि एसबीआई अपनी शाखाओं में पर्याप्त नकदी उपलब्ध कराकर यह सुनिश्चित करना चाहता है कि खाताधारकों को कोई दिक्कत नहीं हो।
- उन्होंने कहा कि वह डिजिटलीकरण के प्रोत्साहन पर चर्चा करने की कोशिश करेंगी।