नई दिल्ली। ऑस्ट्रिया के प्रख्यात अर्थशास्त्री हेन्ज डी कुर्ज ने कहा है कि भ्रष्टाचार को जड़ से समाप्त करने के लिए नोटबंदी अधिक मजबूत कदम नहीं है। उन्होंने इस कदम को पत्थर को अंडे से मारने का प्रयास करार दिया। कुर्ज ने कहा कि वास्तव में भारत सरकार ने भ्रष्टाचार के नए रास्ते खोले हैं।
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कुर्ज ने कहा कि,
जहां तक मैं स्थिति को समझता हूं यह (नोटबंदी) कदम पत्थर को अंडे से मारने का प्रयास साबित हुआ है।
नोटबंदी से समाप्त नहीं होगा भ्रष्टाचार
- उन्होंने कहा, मुझे इस पर काफी संदेह है कि नोटबंदी भ्रष्टाचार को समाप्त कर देगी और अधिक पारदर्शिता लाएगी।
- यह कदम इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिये काफी कमजोर और भरमाने वाला है।
- कुर्ज ऑस्ट्रिया में यूनिवर्सिटी ऑफ ग्राज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं।
- उन्होंने कहा, सरकार ने 2,000 रुपए का नोट पेश किया है।
- यह प्रतिबंधित नोट के मूल्य का दोगुना या चार गुना है।
- इसे बमुश्किल नोटबंदी कहा जा सकता है।
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- उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई सराहनीय है लेकिन मुझे लगता है कि कुछ नोट पर पाबंदी के जरिए यह नहीं किया जा सकता है।
- नोटबंदी का भारत की आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर कुर्ज ने कहा कि अभी नोटबंदी के प्रभाव का आकलन करना जल्दबाजी होगी।
- दूसरा, जो आंकड़े आए हैं, वह मोटा-मोटी अनुमान है।
- इसमें संभवत: इसके प्रभाव को शामिल नहीं किया गया है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट पर पाबंदी लगा दी थी।