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नोटबंदी के कारण अभी जारी रह सकती है अर्थव्‍यवस्‍था में सुस्‍ती, SBI ने जाहिर की आशंका

SBI ने आशंका जाहिर की है कि देश की अर्थव्यवस्था को धीमा करने और कारोबार पर विपरीत प्रभाव डालने पर नोटबंदी का असर बना रह सकता है।

Manish Mishra
Published : June 12, 2017 8:03 IST
नोटबंदी के कारण अभी जारी रह सकती है अर्थव्‍यवस्‍था में सुस्‍ती, SBI ने जाहिर की आशंका
नोटबंदी के कारण अभी जारी रह सकती है अर्थव्‍यवस्‍था में सुस्‍ती, SBI ने जाहिर की आशंका

नई दिल्‍ली। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने आशंका जाहिर की है कि देश की अर्थव्यवस्था को धीमा करने और कारोबार पर विपरीत प्रभाव डालने पर नोटबंदी का असर बना रह सकता है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 8 नवंबर 2016 को 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर 500 और 2,000 रुपए के नए नोटों को शुरू किया था। SBI ने कहा है कि अभी अर्थव्‍यवस्‍था और बैंकिंग सेक्टर पर नोटबंदी के असर का आकलन नहीं किया जा सका है।

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निवेशकों के सामने रखे गए प्रिलिमिनरी प्लेस्ड डॉक्यूमेंट्स में बैंक ने कहा कि नोटबंदी का असर अभी अनिश्चित है, लेकिन इससे बैंक के कारोबार पर विपरीत असर पड़ने की आशंका है। बैंक ने कहा कि इसके चलते परिचालन और वित्‍तीय परिस्थितियों पर असर होगा।

SBI ने कहा कि,

नोटबंदी के चलते अर्थव्‍यवस्‍था में सुस्‍ती का असर जारी रह सकता है और इससे बैंक का कारोबार भी प्रभावित होने की आशंका है।

प्रिलिमिनरी प्लेस्ड डॉक्यूमेंट्स में बैंक भविष्य में कारोबारी खतरों और अनिश्चितता के बारे में जानकारी देता है। हालांकि, बैंक की फाइनेंशियल परफॉर्मेंस इस अनुमान से अलग भी हो सकता है। नोटबंदी के बाद बैंकों के बचत और चालू खातों में जमा होने वाली राशि में बड़ा इजाफा हुआ है।

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RBI की रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों में जमा राशि 4.10 फीसदी के मुकाबले 17 फरवरी, 2017 तक बढ़कर 39.30 फीसदी तक पहुंच गई थी। इसके बाद बैंक ने जमा की ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला लिया। SBI ने कहा कि जमा की ब्याज दरों में कटौती के चलते कॉमर्शियल बैंकों और दूसरे वित्‍तीय संस्‍थानों से कड़ी चुनौती मिल सकती है।

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