नई दिल्ली। इस साल मानसून सामान्य रहने से ग्रामीण मांग में सुधार जारी रहना चाहिए और इससे रिजर्व बैंक अगस्त में प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफोएमएल) ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।
रिपोर्ट के अनुसार जीडीपी की पुरानी श्रृंखला के मुताबिक वृद्धि दर 4.5 से 5 प्रतिशत के दायरे में चल रही है और इसमें मांग आधारित मुद्रास्फीति की गुंजाइश कम है। यह अगस्त में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती को समर्थन प्रदान करता है। वृद्धि दर 7 प्रतिशत की संभावना से कम है।
रिजर्व बैंक ने छह अप्रैल को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 6.25 प्रतिशत पर बरकरार रखा लेकिन रिवर्स रेपो को 5.75 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.0 प्रतिशत कर दिया। रेपो दर वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। रिजर्व बैंक की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा जून में होगी।
रिपोर्ट के अनुसार मुद्रास्फीति जोखिम को बढ़ाकर पेश किया गया है। एक तरफ जहां कमजोर आर्थिक वृद्धि और खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी से कीमत पर अंकुश लगेगा वहीं दूसरी तरफ अलनीनो के जोखिम को देखते हुए रिजर्व बैंक ने स्वयं नीतिगत उपाय के तौर पर आपूर्ति प्रबंधन के महत्व को रेखांकित किया है। बोफाएमएल के जिंस रणनीतिकार को उम्मीद है कि वस्तुओं की कीमतें 2017 में स्थिर होंगी और 2018 की पहली तिमाही तक आयातित मुद्रास्फीति पर दबाव कम होगा।