Thursday, November 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. कोरोना काल में गैर-बासमती चावल का निर्यात 129फीसदी बढ़ा, गेहूं में 727 फीसदी की बढ़त

कोरोना काल में गैर-बासमती चावल का निर्यात 129फीसदी बढ़ा, गेहूं में 727 फीसदी की बढ़त

फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में चाावल और गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन के साथ खाद्यान का कुल उत्पादन 30.33 करोड़ टन रह सकता है

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: April 14, 2021 19:22 IST
गेहूं और चावल का...- India TV Paisa
Photo:PTI

गेहूं और चावल का रिकॉर्ड निर्यात

नई दिल्ली| कोरोना महामारी के संकट के समय भारत ने अपनी 1.35 करोड़ आबादी के लिए खाद्यान्नों की जरूरतों की पूर्ति करने के साथ-साथ दूसरे जरूरतमंद देशों को भी अनाज मुहैया करवाया है। यही वजह है कि देश से गैर-बासमती चावल के निर्यात में बीते वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 129 फीसदी का उछाल आया। वहीं, गेहूं के निर्यात में 727 फीसदी का इजाफा हुआ। कोरोना काल के दौरान देश में जब पूर्ण बंदी यानी लॉकडाउन के समय खाद्य वस्तुओं के अलावा अन्य उत्पाद बनाने वाले तमाम कल-कारखाने बंद हो गए थे और अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का कामकाज ठप पड़ गया था तब भी भारत में खेती-किसानी का काम निर्बाध चल रहा था। देश में खाद्य पदार्थों की सप्लाई दुरुस्त रखने की व्यवस्था के साथ-साथ सरकार ने देश से निर्यात सुगम बनाने के उपाय किए, जिसके फलस्वरूप अनाजों के निर्यात में जोरदार इजाफा हुआ।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने 458.8 करोड़ डॉलर मूल्य का गैर-बासमती चावल निर्यात किया, जबकि पिछले वर्ष 2019-20 में देश से 200.1 करोड़ डॉलर मूल्य का गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ था। इस प्रकार, गैर-बासमती चावल के निर्यात में 129 फीसदी का इजाफा हुआ। भारत कुछ साल पहले अपनी घरेलू जरूरतों की पूर्ति के लिए गेहूं आयात करता था, लेकिन पांच साल से लगातार गेहूं के उत्पादन में बन रहे नये रिकॉर्ड से अब देश में चावल के साथ-साथ गेहूं का भी अपनी जरूरतों से ज्यादा भंडार बना हुआ है और कोरोना महामारी की विषम परिस्थितियों में भारत अपने पड़ोसी देशों के अलावा अन्य देशों को भी गेहूं निर्यात कर रहा है।

कृषि मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने 2020-21 में करीब 51.55 करोड़ डॉलर मूल्य का गेहूं निर्यात किया है जबकि इससे पिछले साल 2019-20 में भारत ने 6.23 करोड़ डॉलर मूल्य का गेहूं निर्यात किया था। इस प्रकार, गेहूं के निर्यात में 727 फीसदी का इजाफा हुआ है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात प्राधिकरण यानी एपीडा के के पूर्व अधिकारी ए. के. गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में भी भारत ने दूसरे देशों की अनाज की जरूरतों को पूरा किया। उन्होंने कहा कि निस्संदेह इसका श्रेय देश के किसानों को जाता है जिनकी मेहनत के कारण आज देश न सिर्फ खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर है, बल्कि देश में घरेलू जरूरतों से ज्यादा खाद्यान्नों का उत्पादन हो रहा है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के दूसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के अनुसार देश में खाद्यान्नों का कुल उत्पादन 30.33 करोड़ टन रह सकता है, जिनमें चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 12.03 करोड़ टन, गेहूं का रिकॉर्ड 10.92 करोड़ टन, पोषक व मोटा अनाज 493 लाख टन, मक्का 301.6 लाख टन और दलहनी फसल 244.2 लाख टन शामिल है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement