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बिल्डर्स की मनमानी पर नकेल कसेगा नोएडा अथॉरिटी, IFMS फंड नहीं देते वालों के बिना बिके फ्लैट होंगे सील

महेश्वरी ने बताया कि बैठक में यह संज्ञान में आया कि कई प्रमोटर्स ने सोसायटी में एओए का गठन होने के बावजूद अब तक आईएफएमएस फंड की राशि का हस्तांतरण नहीं किया है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 18, 2021 16:33 IST
बिल्डर्स की मनमानी पर...- India TV Paisa

बिल्डर्स की मनमानी पर नकेल कसेगा नोएडा अथॉरिटी, IFMS फंड नहीं देते वालों के बिना बिके फ्लैट होंगे सील

नोएडा। बिल्डरों द्वारा अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन गठन (एओए) के बाद भी ब्याज मुक्त मेंटेनेंस सिक्योरिटी चार्ज (आईएफएमएस) फंड नहीं दिए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए नोएडा प्राधिकरण ने शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक की। नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ऋतु महेश्वरी ने बताया कि महागुन, प्रतीक, आरजी रेजिडेंसी, एटीएस, सुपर टेक, सनशाइन और परफेक्ट प्रोपबिल्ड के मामले में बिल्डर-खरीदार से जुड़े मुद्दों और वहां की समस्याओं को लेकर समीक्षा बैठक की गई। 

महेश्वरी ने बताया कि बैठक में यह संज्ञान में आया कि कई प्रमोटर्स ने सोसायटी में एओए का गठन होने के बावजूद अब तक आईएफएमएस फंड की राशि का हस्तांतरण नहीं किया है। कुछ मामलों में सोसायटी में मरम्मत का भी काम नहीं कराया गया है। वहीं कुछ सोसायटी में एसटीपी सुचारू तरीके से काम नहीं कर रहा है। कुछ सोसायटियो में जल, सीवर का बकाया अब तक नहीं दिया गया है। 

उन्होंने बताया कि बिल्डरों को आदेश दिया गया है कि अगर उन्होंने एओए के गठन के बावजूद भी आईएफएमएस फंड नहीं दिया, तो उनके बगैर बिके हुए फ्लैट सील किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अगर सोसायटी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सुचारू तरीके से काम नहीं करता पाया गया, तो सेल्स ऑफिस व क्लब हाउस सील कर दिए जाएंगे। 

उन्होंने बताया कि बिल्डरों से वार्ता कर 30 सितंबर तक आईएफएमएस फंड का हस्तांतरण सुनिश्चित कराया जाएगा। आवश्यकता के अनुसार बिल्डरों खिलाफ रिकवरी सर्टिफिकेट जारी करने की कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा नोएडा प्राधिकरण ने ग्रुप हाउसिंग विभाग के दो बिल्डर प्लॉटो का आवंटन निरस्त कर दिया है। 

सेक्टर-43 में शिप्रा बिल्डर को आवंटित प्लॉट किया रद्द

महेश्वरी ने बताया कि सेक्टर-43 में अगस्त, 2016 में शिप्रा बिल्डर को एक प्लॉट आवंटित किया गया था। बाद में इसे तीन हिस्सों में बांट कर, दो अन्य बिल्डरों को दे दिया गया। इसमें वर्वी कंस्ट्रक्शन और रिगेलिया होम्स में प्रत्येक के हिस्से में 41,145 वर्ग मीटर जमीन आई। दोनों पर प्राधिकरण के 298-298 करोड़ रुपये बकाया थे। राशि चुकाने के लिए बिल्डरों को कई बार नोटिस दिया गया, लेकिन उन्होंने कोई गंभीरता नहीं दिखाई। साथ ही प्रोजेक्ट का नक्शा भी पास नहीं कराया गया। 

उन्होंने बताया कि बकाया न चुकाने के चलते बिल्डर के आवंटन को निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि तीन माह में प्राधिकरण ने उद्योग संस्थागत आवासीय प्लॉट विभाग के करीब 100 प्लाट निरस्त किए हैं। इनमें से करीब 95 प्रतिशत आवंटियो ने बकाया चुकाकर आवंटन को फिर से अपने नाम करा लिया है।

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