नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि एयर इंडिया के बही-खाते की स्थिति इतनी खराब है कि अगर सरकार इसे बेचना भी चाहे तो कोई भी इसे नहीं खरीदेगा। विमानन कंपनी में विनिवेश की संभावना से इनकार करते हुए राजू ने यह साफ किया कि एयर इंडिया करदाताओं का पैसा अनन्तकाल तक नहीं दिया जा सकता। एयर इंडिया पर करीब 50,000 रुपए का बकाया है।
मंत्री ने कहा कि, एयर इंडिया का बही-खाते की स्थिति काफी खराब है। मुझे नहीं लगता कि अगर पेशकश की भी जाए तो कोई उसे लेने के लिये आगे आएगा। बढ़ते कर्ज तथा कारोबारी के मामले में कड़ी स्थिति को झेल रही एयर इंडिया 2007 में एयर इंडिया इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद से घाटे में है और पूर्व संप्रग सरकार ने इसके सुचारू रुप से परिचालन के लिये 30,000 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज दिया था। उन्होनें कहा, एयर इंडिया को और बेहतर तरीके से काम करना चाहिए ताकि उसने अपनी स्थिति में बदलाव के लिए जो लक्ष्य रखा है, उसे हासिल किया जा सके। राजू ने कहा, यह अच्छी एयरलाइन है। मैं एयर इंडिया को पसंद करता हूं लेकिन मैं उन्हें करदाताओं का पैसा अनंतकाल के लिए देने को लेकर प्रतिबद्धता नहीं जता सकता।
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अशोक गजपति राजू ने कहा, मेरा मानना है कि टीम के बीच तालमेल बढ़ाना पड़ेगा और जहां उन्होंने एक टीम के रूप में काम किया है, उन्होंने नतीजे दिए हैं और जहां उन्होंने एक टीम के रूप में काम नहीं किया, वे अलग रूप में दिखे। कोई भी घड़ी की सुई को पीछे नहीं ले जा सकता। जितनी जल्दी वे इसे समझे, उतना बेहतर है। हालांकि अबतक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन एयरलाइन पिछले वित्त वर्ष में 6 से 8 करोड़ रुपए का परिचालन लाभ कमाया। राजू ने कहा कि वास्तविकता यह है कि उन्हें कोई परिचालन नुकसान नहीं हुआ है।
मंत्री ने विश्वास जताया कि राष्ट्रीय विमानन कंपनी में ऊंची उड़ान की क्षमता है और वह इस दिशा में काम कर रही है। डीजीसीए के ताजा आंकड़ों के अनुसार एयर इंडिया ने अप्रैल में 11.98 लाख यात्रियों को सेवाएं दी और इस दौरान उसकी 15.1 फीसदी बाजार हिस्सेदारी रही।
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