नई दिल्ली। 6.15 लाख करोड़ रुपए के बाजार मूल्याकंन वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी का वेतन लगातार 10वें साल भी नहीं बढ़ा है। उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज से लगातार 10वें साल 15 करोड़ रुपए का वेतन मिला है। वाबजूद सइके वो देश के सबसे अमीर उद्योगपति बने हुए हैं। अंबानी ने स्वेच्छा से पिछले दस साल से वेतन में कोई वृद्धि नहीं ली है। गुरुवार (7 जून 2018) को कंपनी के शेयर मूल्य के हिसाब से रिलायंस इंडस्ट्रीज का कुल बाजार मूल्याकंन 6.15 लाख करोड़ रुपए है। बानी ने 2008-09 से अपना वेतन, अन्य लाभ, भत्ते तथा कमीशन 15 करोड़ रुपए नियत कर रखा है। उससे पहले उनका वेतन सालाना करीब 24 करोड़ रुपए था। वहीं दूसरी ओर 31 मार्च 2018 को समाप्त वित्त वर्ष में उनके रिश्तेदार निखिल और हितल समेत कंपनी के पूर्णकालिक निदेशकों के वेतन में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सालाना रिपोर्ट में बताया है कि चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश डी अंबानी का पारितोषिक 15 करोड़ रुपए पर तय है। यह प्रबंधकीय पारितोषिक के मामले में संयम रखने के व्यक्तिगत उदाहरण देने की उनकी इच्छा को प्रतिबिंबित करता है।
वित्त वर्ष 2017-18 में उनके पारितोषिक 4.49 करोड़ रुपए में वेतन और भत्ता शामिल है। वर्ष 2016-17 में यह राशि 4.16 करोड़ रुपए थी। हालांकि, उनका कमीशन 9.53 करोड़ रुपए पर यथावत रहा है। वहीं अन्य सुविधाओं की मद में दी जाने वाली राशि 60 लाख रुपए से घटकर 27 लाख रुपए रह गई है। सीईओ के वेतन को उपयुक्त स्तर पर रखने को लेकर जारी विवाद के बीच अंबानी ने स्वेच्छा से अक्टूबर 2009 में अपने वेतन पर सीमा लगाई थी। जहां अन्य कार्यकारियों के वेतन में अच्छी-खासी वृद्धि हुई, वहीं अंबानी का वेतन जस-का-तस बना हुआ है।
अंबानी के रिश्तेदार निखिल आर मेसवानी तथा हितल आर मेसवानी का पारितोषिक 2017-18 में बढ़कर 19.99-19.99 करोड़ रुपए पहुंच गया है, जो 2016-17 में 16.85-16.85 करोड़ रुपए था। इससे पहले 2015-16 में निखिल को 14.42 करोड़ और हितल को 14.41 करोड़ रुपए का वेतन मिला था, वहीं 2014- 15 में प्रत्येक का वेतन 12.03 करोड़ रुपए था। उनके प्रमुख कार्यकारियों में से एक पीएमएस प्रसाद (कार्यकारी निदेशक) का वेतन 2017-18 में 8.99 करोड़ रुपए रहा, जो 2016-17 में 7.87 करोड़ रुपए था।