बेंगलुरू। अब प्राइवेट सेक्टर की तरह पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को भी अपनी कंपनी के लिए बेस्ट परफॉरमेंस देना होगा। अगर कर्मचारी ऐसा नहीं कर पते हैं तो उनकी सैलरी नहीं बढ़ाई जाएगी। सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि यदि कंपनी लाभ में नहीं आती है तो अगले साल कर्मचारियों की सैलरी में कोई बदलाव नहीं होगा।
कंपनी को मुनाफा नहीं, तो सैलरी में इजाफा नहीं
श्रीवास्तव ने कहा, यह बीएसएनएल के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण साल है क्योंकि 2017 में एक तीसरे पीआरसी (वेतन समीक्षा समिति) के तौर पर हमारा वेतन संशोधित होने जा रहा है। आपको बता दूं कि जब तक हम लाभ में नहीं आते, वेतन बढ़ने नहीं जा रहा है। कर्नाटक में बीएसएनएल मोबाइल डाटा ऑफलोड सर्विस शुरू करने के बाद उन्होंने कहा कि कंपनी को मुनाफे में लाना होगा।
10 साल में मुनाफे से घाटे में आई बीएसएनएल
बीएसएनएल की सेहत सुधारने को अपनी प्राथमिकता बताते हुए इसी महीने दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था, कि सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी की स्थिति बेहतर करने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठा रही है। प्रसाद ने बीएसएनएल के एक कार्यक्रम में कहा, बीएसएनएल का स्वास्थ्य सुधारना मेरी प्राथमिकता है। हम इस सिलसिले में हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। हम इस कम्पनी की हालत बेहतर करके ही रहेंगे। उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में बीएसएनएल की स्थिति बिगड़ गई। प्रसाद ने कहा, अटलबिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का कार्यकाल वर्ष 2004 में खत्म हुआ, तब बीएसएनएल 10,000 करोड़ रुपए के मुनाफे में थी। हम करीब 10 साल बाद दोबारा सत्ता में आए, तो हमने बीएसएनएल को 8,000 करोड़ रुपए के घाटे में पाया।