Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. सॉफ्टवेयर पेटेंट के नए नियम जारी, सिर्फ कंप्यूटर के लिए किए गए प्रोग्राम को नहीं माना जाएगा इन्वेंशन

सॉफ्टवेयर पेटेंट के नए नियम जारी, सिर्फ कंप्यूटर के लिए किए गए प्रोग्राम को नहीं माना जाएगा इन्वेंशन

भारतीय पेटेंट कार्यालय ने सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों जैसे कंप्यूटर से जुड़े इनोवेशन (सीआरआई) की समीक्षा पर नए सिरे से दिशानिर्देश जारी किए हैं।

Dharmender Chaudhary
Updated on: February 23, 2016 11:01 IST
सॉफ्टवेयर पेटेंट के नए नियम जारी, सिर्फ कंप्यूटर के लिए किए गए प्रोग्राम को नहीं माना जाएगा इन्वेंशन- India TV Paisa
सॉफ्टवेयर पेटेंट के नए नियम जारी, सिर्फ कंप्यूटर के लिए किए गए प्रोग्राम को नहीं माना जाएगा इन्वेंशन

नई दिल्ली। भारतीय पेटेंट कार्यालय ने सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों जैसे कंप्यूटर से जुड़े इनोवेशन (सीआरआई) की समीक्षा पर नए सिरे से दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस कदम से भारत में पेटेंट कराने की व्यवस्था की स्थिति और अधिक स्पष्ट होगी। पेटेंट, डिजाइन व ट्रेड मार्क महानियंत्रक ने एक आदेश में कहा कि विभिन्न भागीदारों और विशेषग्यों से मिले सुझावों को देखने के बाद सीआरआई दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया गया है।

आईटी इंडस्ट्री के लिए राहत या आफत

पेटेंट के प्रावधानों में संशोधन के बाद अगस्त में जारी दिशानिर्देशों का कई संघों ने यह कहते हुए विरोध किया था कि ये नियम घरेलू आईटी क्षेत्र के लिए नुकसान पहुंचाने वाले हैं। ये आपत्तियां पेटेंट कानून, 1970 की धारा 3 (के) की व्याख्या एवं दायरे को लेकर थी। भागीदारों ने कहा था कि पिछले साल अगस्त में जारी दिशानिर्देश भारतीय सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री को मल्टीनेशनल्स कंपनियों की कृपा पर आश्रित कर सकते हैं। भारतीय पेटेंट कानून की धारा 3 (के) के मुताबिक, एक गणनीय या कारोबारी मेथड या एक कंप्यूटर प्रोग्राम मसलन अल्गोरिथम आविष्कार नहीं हैं। एक अधिकारी ने कहा, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों और अल्गोरिथम को पेटेंट कराने के बारे में कुछ सवाल खड़े किए गए थे। धारा 3 (के) इन चीजों पर स्थिति स्पष्ट करती है। इन दिशानिर्देशों में इसे और अधिक स्पष्ट किया गया है।

भारत में पेटेंट कराने में लगते हैं छह साल

पीएम मोदी सरकार देश में कारोबारी माहौल सुधारने के लिए एक बाद एक कदम उठा रही है। कभी मेक इन इंडिया तो कभी स्टार्टअप इंडिया, इनके जरिये कारोबार को बढ़ावा देना चाहती है। लेकिन, जिस देश में पेटेंट कराने में 6 साल लगते हों, वहां मेक इन इंडिया सफल होगा या नहीं यह बड़ा सवाल है। इंडियास्पेंड के मुताबिक पिछले 10 वर्षों में 68,000 पेटेंट को स्वीकृति मिली है। वहीं, 2015 में स्वीकृत 98 फीसदी एप्लिकेशन 5 साल से अधिक पुराने हैं। पिछले साल कुछ ऐसे एप्लिकेशन को मंजूरी मिली है, जो 19 साल पुराने हैं। देश में पेटेंट मिलने में इतनी देरी से मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ का सपना टूट सकता है। अमेरिका और ब्रिटेन में अप्रूवल में औसतन तीन वर्ष का समय लगता है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement