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डीजल वाहनों पर 30 फीसदी पर्यावरण उपकर लगा तो कोई भी निवेश नहीं करेगा: सियाम

डीजल कारों पर 30 फीसदी की दर से पर्यावरण उपकर लगाया गया तो कोई भी भारत में निवेश नहीं करेगा और निवेश गंतव्य के रूप में देश की छवि बुरी तरह प्रभावित होगी।

Abhishek Shrivastava
Published : May 09, 2016 20:10 IST
डीजल वाहनों पर 30% पर्यावरण उपकर लगाने पर सियाम ने चेताया, कहा कोई भी नहीं करेगा भारत में निवेश
डीजल वाहनों पर 30% पर्यावरण उपकर लगाने पर सियाम ने चेताया, कहा कोई भी नहीं करेगा भारत में निवेश

नई दिल्ली। डीजल कारों तथा एसयूवी पर 30 फीसदी की दर से पर्यावरण उपकर लगाया गया तो कोई भी भारत में निवेश नहीं करेगा और निवेश गंतव्य के रूप में देश की छवि बुरी तरह प्रभावित होगी। वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम ने यह कहा। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से नए वाहनों के पंजीकरण की पूर्व शर्त के तौर पर वास्तविक मूल्य का 30 फीसदी पर्यावरण शुल्क देने को कहा है। सियाम को उम्मीद है कि साधारण ग्राहकों द्वारा खरीद पर इस प्रकार की शर्तें नहीं लगाई जाएंगी।

सोसाइटी ऑफ ऑटोमोबाइल मैन्‍युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा, अगर वे 30 फीसदी कर लगाते हैं तो निवेश यहां से जाएगा और कोई भी निवेश नहीं करना चाहेगा। एक निवेश गंतव्य के रूप में भारत की छवि बुरी तरह प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि जापान, अमेरिका या कोरिया जैसे देशों की कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत में डीजल प्रौद्योगिकी में निवेश किया है। उन्होंने कहा, हर कंपनी के पास डीजल पोर्टफोलियो है और हर किसी की इस पर नजर है कि भारत आगे बढ़ने के लिए किस प्रकार नीति पर निर्णय करता है।

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दो हजार सीसी से अधिक डीजल कारों तथा एसयूवी (स्पोर्टस यूटिलिटी व्हीकल) पर प्रतिबंध के बारे में माथुर ने कहा, हम दुनिया में पहले देश हैं जिसने अत्याधुनिक वाहनों पर प्रतिबंध लगाया है, जबकि पुराने वाहनों के संदर्भ में कुछ नहीं किया। उन्होंने आगे कहा, हमारा इस बारे में विचार बिल्कुल साफ है। अगर कोई उत्पाद सरकार के सभी सांविधिक नियमों का पालन करता है, उसे प्रदूषण फैलाने वाला उत्पाद या प्रदूषण फैलाने वाला उद्योग कहना उचित नहीं है।

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