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क्‍या आपकी 10 लाख रुपए सालाना से ज्‍यादा है कमाई, तो अब नहीं मिलेगी एलपीजी पर सब्सिडी

सरकार ने जनवरी 2016 से ऐसे लोगों को एलपीजी सब्सिडी बंद करने का निर्णय लिया है, जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपए से ज्‍यादा है।

Abhishek Shrivastava
Updated on: December 28, 2015 19:42 IST
क्‍या आपकी 10 लाख रुपए सालाना से ज्‍यादा है कमाई, तो अब नहीं मिलेगी एलपीजी पर सब्सिडी- India TV Paisa
क्‍या आपकी 10 लाख रुपए सालाना से ज्‍यादा है कमाई, तो अब नहीं मिलेगी एलपीजी पर सब्सिडी

नई दिल्‍ली। सब्सिडी का बोझ कम करने के लिए सरकार ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से बहुत से लोगों का नया साल उनकी जेब पर भारी पड़ने वाला है। सरकार ने जनवरी 2016 से ऐसे लोगों को एलपीजी सब्सिडी बंद करने का निर्णय लिया है, जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपए से ज्‍यादा है। इसका मतलब ये हुआ कि यदि आपकी सालाना आय 10 लाख रुपए से एक रुपए भी ज्‍यादा है, तो अब आपको एलपीजी बाजार दाम पर ही खरीदनी होगी। वर्तमान में सभी परिवारों को एक वित्‍त वर्ष में 12 एलपीजी सिलेंडर सब्सिडी पर दिए जाते हैं। सब्सिडी के साथ 14.2 किलोग्राम एलपीजी सिलेंडर की कीमत 419.26 रुपए है, जबकि इसका बाजार मूल्‍य 608 रुपए है।

तेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि सरकार ने समृद्ध लोगों से सब्सिडी छोड़ने का आग्रह किया था। अभी तक तकरीबन 15 करोड़ उपभोक्‍ताओं में से केवल 57.5 लाख एलपीजी उपभोक्‍ताओं ने अपनी सब्सिडी का त्‍याग किया है। बयान में कहा गया है कि हालांकि बहुत से उपभोक्‍ताओं ने स्‍वैच्‍छा से सब्सिडी छोड़ी है, लेकिन अब यह महसूस किया जा रहा है कि अधिक आय वाले लोगों को बाजार मूल्‍य पर एलपीजी की खरीद करनी चाहिए। बयान में कहा गया है कि सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इनकम टैक्‍स एक्‍ट 1961 के तहत एक वित्‍त वर्ष में किसी उपभोक्‍ता, या उसके पति या पत्‍नी की वार्षिक कर योग्‍य आय यदि 10 लाख रुपए से अधिक होती है तो उसे एलपीजी पर सब्सिडी नहीं दी जाएगी। हालांकि इसकी शुरुआत प्रारंभ में स्‍वयं घोषणा के आधार पर लागू किया जाएगा।

सब्सिडी बिल घटाने और राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए पूर्व यूपीए सरकार ने सितंबर 2012 में प्रति परिवार सब्सिडी वाले सिलेंडर की संख्‍या एक साल में छह तय की थी, इसके बाद जनवरी में इसे संशोधित कर 9 किया गया। इसके बाद जनवरी 2014 में इस सीमा को बढ़ाकर एक साल में 12 कर दिया गया। 12 सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी का भुगतान उपभोक्‍ता के सीधे बैंक खाते में जमा की जाती है, जिसका उपयोग उपभोक्‍ता बाजार मूल्‍य पर एलपीजी खरीदने में करता है। वित्‍त वर्ष 2014-15 में एलपीजी पर सब्सिडी के रूप में सरकार ने 40,551 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है, जबकि चालू वित्‍त वर्ष में सब्सिडी भुगतान लगभग आधा रहने की उम्‍मीद है, क्‍योंकि इस दौरान तेल की कीमतें छह साल के निचले स्‍तर पर हैं। अप्रैल-सितंबर 2015 के दौरान सरकार ने 8,814 करोड़ रुपए का भुगतान एलपीजी सब्सिडी के रूप में किया है। अभी इसका कोई अनुमान नहीं है कि कितने उपभोक्‍ता ऐसे हैं जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपए से अधिक है। फिलहाल देश में 16.35 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं। एलपीजी के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटीएल) योजना शुरू होने के बाद यह आंकड़ा घटकर 14.78 करोड़ रह गया है क्‍योंकि इससे डुप्लिकेट और निष्क्रय उपभोक्ता बाहर हो गए हैं। बयान में कहा गया है कि इस योजना का मकसद यह है कि सब्सिडी लाभ लक्षित समूह तक पहुंचे।

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