नई दिल्ली। सरकार ने राज्य सभा को बताया कि नोटबंदी के बाद से कोई अच्छी गुणवत्ता वाले नकली नोट बरामद नहीं गए हैं। हालांकि, भारत-बांग्लादेश की सीमा पर बीएसएफ और एनएआई के द्वारा कुछ स्कैन किए गए: फोटोकॉपी किए गए नोट जरूर जब्त किए गए हैं। दूसरी ओर सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कार्यालयों के बाहर लंबी लाइन के लिए अपात्र व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया है।
वित्त राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्य सभा को बताया कि सरकार नकली भारतीय मुद्रा नोटों की दिक्कतों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय में एक विशेष प्रकोष्ठ स्थापित करने सहित कई सारे कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि, नोटबंदी के बाद से अच्छी गुणवत्ता वाले कोई नकली नोट नहीं बरामद हुए हैं।
आरबीआई कार्यालयों में लंबी लाइन के लोग जिम्मेदार
सरकार ने कहा कि चलन से बाहर किए गए नोटों को बदलने के लिए तय किए गए भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यालयों के बाहर लंबी कतारें अपात्र व्यक्तियों के आने के कारण है। भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर दिसंबर 2016 के दौरान भारत से बाहर रहे भारतवासी नागरिकों को पुराने 500 और 1,000 रुपए के नोटबदलने के लिए 31 मार्च 2017 तक का समय दे रखा है।
विदेश के निवासी भारतीय नागरिकों के लिए यह छूट 30 जून तक है। ये पुराने नोट भारतीय रिजर्व बैंक के मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और नागपुर के कार्यालयों में बदले जा सकते हैं। मेघवाल ने बताया, कई लोग रिजर्व बैंक के काउंटर पर ऐसे खड़े हो रहे हैं जो इसके पात्र नहीं हैं। उनके कारण पंक्ति लंबी हो रही है।