नई दिल्ली। धार्मिक संस्थानों के साथ जीएसटी में भेदभाव करने के आरोपों का सरकार ने जवाब दिया है। सरकार ने आज यह स्पष्ट किया कि धार्मिक संस्थानों द्वारा संचालित अन्न क्षेत्र में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन को वस्तु एवं सेवा कर ( जीएसटी) के दायरे से बाहर रखा गया है। इसी तरह मंदिर, मस्जिद, गिरजाघरों, गुरुद्वारों और दरगाह पर वितरित किए जाने वाले प्रसादम पर भी जीएसटी नहीं लगेगा।
वित्त मंत्रालय ने मीडिया की खबरों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि मुफ्त में दिए जाने वाले भोजन पर जीएसटी नहीं लगेगा। कुछ खबरों में कहा गया था कि हिंदु धार्मिक संस्थानों में अन्न क्षेत्र में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन आदि पर जीएसटी लगेगा, जबकि मस्जिद और गिरिजाघरों में जीएसटी नहीं लगेगा। इस पर वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी में किसी धर्म के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है और यह सारी खबरें गलत हैं।
प्रसाद बनाने वाली सामग्री पर लगेगा टैक्स
हालांकि, वित्त मंत्रालय ने कहा है कि प्रसादम बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली कुछ सामग्री जैसे चीनी, वनस्पति खाद्य तेल, घी, मक्खन आदि वस्तुओं के परिवहन की सेवाओं पर कर लगेगा। मंत्रालय ने कहा कि इनमें से ज्यादातर सामग्री का कई तरीके से इस्तेमाल होता है। ऐसे में चीनी आदि का इस्तेमाल किस उद्देश्य से होना है, इसको अलग करना मुश्किल है। ऐसे में इनके लिए अलग कर दर नहीं रखी जा सकती। उल्लेखनीय है कि देश में जीएसटी एक जुलाई से लागू हुआ है।