नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में बेहिसाबी धन जमा कराने वालों की जांच और नोटिस कालेधन के बारे में सूचना जुटाने के स्रोत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में इसका उल्लेख किया था। प्रधानमंत्री के भाषण में कालेधन के आंकड़े पर पूछे जाने पर वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग के आंकड़े और संभावित राजस्व लाभ के आंकड़े मौजूदा जांच, नोटिस, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और राजस्व विभाग को मिले जवाब पर आधारित हैं। जेटली ने कहा कि जिन आंकड़ों का उल्लेख किया गया है वे रिजर्व बैंक की रिपोर्ट पर निर्भर नहीं हैं।
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उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों को लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं है। इसका वास्तविक स्रोत यह है कि कितना धन जमा हुआ, कितने धन का कोई हिसाब-किताब नहीं है, कितने लोगों ने ऐसा पैसा जमा कराया है जो उनकी आय से अधिक है, कितने लोगों को नोटिस भेजा गया है और नोटिस का दायरा क्या है। यह आंकड़ा इन्हीं सब चीजों पर आधारित है। मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि नोटबंदी के बाद छिपा कालाधन औपचारिक अर्थव्यवस्था में लौटा है।
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स्वतंत्रता दिवस के अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने कहा था कि बैंकों में जम 1.75 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि जांच के घेरे में है और दो लाख करोड़ रुपए का कालाधन बैंकों में जमा कराना पड़ा था। मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि 18 लाख ऐसे लोगों की पहचान की गई है जिनकी आय उनके द्वारा घोषित आय से कहीं अधिक हैं। उन्हें इसके बारे में स्पष्टीकरण देना होगा।
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