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गवर्नर राजन की चिंता पर बोली स्टेट बैंक प्रमुख भट्टाचार्य, रिटेल लोन में बुलबुला फूटने की स्थिति नहीं

भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि उपभोक्ता ऋण क्षेत्र (रिटेल लोन) में बुलबुला फूटने वाली स्थिति नहीं है।

Dharmender Chaudhary
Published : August 23, 2016 11:02 IST
गवर्नर राजन की चिंता पर बोली स्टेट बैंक प्रमुख भट्टाचार्य, रिटेल लोन में बुलबुला फूटने की स्थिति नहीं
गवर्नर राजन की चिंता पर बोली स्टेट बैंक प्रमुख भट्टाचार्य, रिटेल लोन में बुलबुला फूटने की स्थिति नहीं

मुंबई। भारतीय स्टेट बैंक की चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य ने कहा कि उपभोक्ता ऋण क्षेत्र (रिटेल लोन) में बुलबुला फूटने वाली स्थिति नहीं है। भट्टाचार्य की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब रिजर्व बैंक गवर्नर ने कुछ ही दिन पहले ढांचागत क्षेत्र के वित्तपोषण के नाम पर खुदरा ऋण क्षेत्र में बढ़ चढ़कर कर्ज दिये जाने पर चिंता जताई है। भट्टाचार्य ने कहा, मुझे नहीं लगता कि हम इस क्षेत्र में बुलबुला फूटने वाली स्थिति में पहुंच गए हैं। जब तक गारंटी के मामले में हमारा बेहतर मानक बरकरार है तब तक ऐसी स्थिति नहीं हो सकती। हमें डिजिटल (साधनों) की भी मदद मिल रही है जिससे कि हमारे समक्ष बेहतर तस्वीर उभरती है।

भट्टाचार्य ने कहा कि खुदरा ऋण क्षेत्र में अभी भी काफी कुछ किया जा सकता है। उन्होंने कहा, हमारे देश में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की तुलना में खुदरा ऋण का अनुपात उभरते देशों में सबसे कम है। यह अनुपात 10 फीसदी है जबकि मलेशिया में यह 30 से 35 फीसदी तक है। विकसित देशों में तो यह इससे भी अधिक है। मेरा मानना है कि हमारे समक्ष अभी भी काफी गुंजाइश है। भारत-अमेरिका वाणिज्य एवं उद्योग मंडल की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि देश में तेजी से बढ़ते मध्यम वर्ग को उसकी आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कर्ज की जरूरत है। इसलिए मेरा मानना है कि जो इस समय हो रहा है वह उनकी अधूरी जरूरतों को पूरा करने के लिए हो रहा है।

रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर रघुराम राजन ने पिछले सप्ताह इस बात पर चिंता व्यक्त की थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक परियोजनाओं के लिये कर्ज देने से नजरें चुरा रहे हैं और खुदरा कर्ज देने के लिए सक्रियता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आगामी एफसीएनआर-बी के विमोचन के बारे में पूछे जाने पर भट्टाचार्य ने कहा कि इससे तरलता पर दबाव पड़ेगा। एफसीएनआर विमोचन के साथ नकदी का कुछ हिस्सा बाहर निकलेगा। इसलिए हमारे लिये यह महत्वपूर्ण है कि हम नकदी की तरफ से संतोषजनक स्थिति बनाये रखें। उन्होंने कहा कि नकदी को तटस्थ स्तर पर बनाए रखने का रिजर्व बैंक का उपाय अच्छा है और इसे इसी तरह बनाये रखने की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि नए गवर्नर उर्जित पटेल इसे इसी तरह बनाए रखेंगे।

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