नई दिल्ली। एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री के लिए भले ही अभी तक कोई निविदा न आयी हो किन्तु सरकार ने बुधवार को उम्मीद जतायी कि औपचारिक बोली प्रक्रिया खत्म होने के अंतिम दिन कल तक अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी। नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हमें कल बोली बंद होने तक अच्छी प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है। इससे पहले उन्होंने कहा कि अभी हिस्सेदारी बिक्री के लिए कोई बोली नहीं आई है। हिस्सेदारी खरीदने के लिए रुचि पत्र देने की समयसीमा कल समाप्त हो जाएगी। प्रस्ताव के अनुरोध 15 जून के बाद ही जारी किए जा सकेंगे।
चौबे ने 23 मई को कहा था कि एयरलाइन की सबसे अधिक बोली लगाने वाले के बारे में अगस्त अंत तक ही पता चल पाएगा। किन्तु सबसे अधिक बोली लगाने वाला ही सफल बोलीदाता हो, यह आवश्यक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार विनिवेश प्रक्रिया को इस साल के अंत तक संपन्न करना चाहती है।
महत्वपूर्ण है कि उन्होंने यह भी कहा था कि यदि सरकार को ‘समुचित’ मूल्य नहीं मिला तो वह एयर इंडिया को बेचने के विरूद्ध भी निर्णय कर सकती है। चौबे ने कहा था कि यदि बोली कीमत समुचित नहीं हुईं तो सरकार के पास एयर इंडिया की ब्रिक्री करने या ब्रिकी नहीं करने का अधिकार होगा।
प्रस्तावित बिक्री का एयर इंडिया कर्मचारियों द्वारा विरोध करने के बारे में पूछने पर चौबे ने कहा कि वह इस बात को जानते हैं कि निजीकरण के बाद एयरलाइंस बेहतर कामकाज करने लगेगी।
सरकार ने घाटे में चल रही इस एयरलाइन की 76 प्रतिशत भागीदारी बेचने की योजना का खुलासा किया था। विनिवेश के माध्यम से एयरलाइन का प्रबंधन भी निजी हाथों को सौंप दिया जाएगा जो अभी सरकार के अधीन है। एयर इंडिया पर मार्च 2017 के अंत तक कुल 48,781 करोड़ रुपए का कर्ज था।