मनीला। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि सरकार को रिजर्व बैंक (RBI) की अगुवाई वाली मौद्रिक नीति समिति ( MPC ) का ब्याज दर बढ़ाने को लेकर कोई झुकाव नजर नहीं आता और इस संबंध में कोई भी निर्णय ठोस आंकड़ों से निर्देशित होना चाहिए। उन्होंने रविवार को कहा कि अप्रैल में MPC की पिछली बैठक के ब्योरे में ब्याज दर बढ़ाने को लेकर कोई झुकाव प्रतिबिंबित नहीं होता।
गर्ग ने कहा कि ऐसी नीति जिससे की ब्याज दरें स्थिर बनी रही की घोषणा की गई तो मीडिया ने कहा कि यह नरम नीति है। ‘‘जो सामने आया है वह यह है कि किस सदस्य ने क्या कहा। बैठक में एक या दो सदस्यों ने लगता है यह कहा है कि क्या स्थिति इसे इस तरह बदल सकती है (ब्याज दरें बढ़ाने से), लेकिन कई अन्य सदस्यों ने ऐसा कुछ नहीं कहा।’’
उल्लेखनीय है कि छह सदस्यीय MPC में से बहुसंख्यक सदस्यों ने नीतिगत दर को 6 प्रतिशत पर बरकरार रखने पर जोर दिया था। उन्होंने इसके पीछे मुद्रास्फीति के ऊपर जाने के जोखिम की बात कही थी। छह में से पांच सदस्यों ने नीतिगत दर यथावत रखने के पक्ष में वोट दिया था। हालांकि एक सदस्य माइकल पात्रा ने नीतिगत दर में वृद्धि की वकालत की थी।
गर्ग ने कहा , ‘‘ हमें वास्तविक आंकड़ों के आधार पर आगे बढ़ना चाहिए। क्या आपने मुद्रास्फीति के आंकड़े में उछाल देखा है ? क्या आपने उत्पादन में असाधारण वृद्धि देखी है जिससे उत्पादन अंतर उल्लेखनीय रूप से घटा है ? ऐसा नहीं है। ’’ उन्होंने कहा कि इस प्रकार के निर्णय का आधार ठोस तथ्यों पर आधारित होना चाहिए। ‘‘... रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत के आसपास बनाये रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है, अत : वे इसके लिये उपयुक्त कदम उठाएंगे।’’ गर्ग ने कहा, ‘‘जब आप लोग कहते हैं कि कुछ होने जा रहा है, यह बुनियादी तथ्यों पर आधारित होना चाहिए।’’
खाद्य वस्तुओं की कीमत कम होने से मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति 4.27 प्रतिशत रही जो पांच महीने का न्यूनतम स्तर है। रिजर्व बैंक ने अप्रैल- सितंबर के लिये अपना खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान संशोधित कर 4.7 - 5.1 प्रतिशत कर दिया जबकि अक्तूबर- मार्च के लिये इसे 4.4 प्रतिशत रखा गया है।