नई दिल्ली। सरकार ने स्पष्ट किया कि स्टेंट की जो कीमत तय की गई है उसमें आठ प्रतिशत का मार्जिन पहले से शामिल है। ऐसे में मरीजों से इस पर स्थानीय बिक्रीकर और वैट के अलावा किसी तरह के अतिरिक्त शुल्क की मांग नहीं की जा सकती।
राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) ने अपनी वेबसाइट पर एक सूचना में कहा है कि कोरोनरी स्टेंट का मूल्य तय करते समय इसमें पहले से ही आठ प्रतिशत का मार्जिन जोड़ा गया है। इसमें कहा गया है कि 13 फरवरी, 2017 को अधिसूचित स्टेंट के मूल्य पर सिर्फ स्थानीय बिक्रीकर तथा वैट के अलावा किसी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जा सकता।
नियामक ने कहा, कोरोनरी स्टेंट के हाई एंड बाजार मूल्य के मद्देनजर इस आठ प्रतिशत के ट्रेड मार्जिन में विभिन्न व्यापार श्रृंखलाओं विनिर्माता से लेकर आयातक और अंतिम उपभोक्ता यानी मरीज तक का मार्जिन शामिल है। इसके अलावा इस आठ प्रतिशत मार्जिन में अस्पतालों का रखरखाव आदि का खर्च भी निकल जाएगा।
- मरीजों को एक बड़ी राहत देते हुए सरकार ने कोरोनरी स्टेंट के दाम 85 प्रतिशत तक घटा दिए हैं।
- बेयर मेटल स्टेंट (बीएमएस) का दाम 7,260 रुपए और ड्रग इलूटिंग (डीईएस) का 29,600 रुपए तय किया गया है।
- रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा था कि बीएमएस स्टेंट का अधिकतम खुदरा मूल्य 7,623 रुपए और डीईएस का 31,080 रुपए बैठेगा।