नई दिल्ली। केंद्र सरकार की नई एलटीसी नकद वाउचर योजना का लाभ अपने कर्मचारियों को देने वाली प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों को किसी तरह का अतिरिक्त बोझ वहन नहीं करना पड़ेगा। वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने मंगलवार को यह कहा। अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के तहत कंपनियों को कर्मचारियों द्वारा सौंपे गए दस्तावेज और यात्रा का पूरा रिकॉर्ड रखना होता है। एलटीसी की नई योजना के तहत कर्मचारियों को उनके एलटीसी लागत के तीन गुना तक राशि के बिल सौंपने होंगे।
कंपनियों को पहले की तरह इनका रिकॉर्ड रखना होगा और मांगे जाने पर ही आयकर विभाग को इन्हें देना होगा। केंद्र सरकार ने 12 अकटूबर को अपने कर्मचारियों को एलटीसी किराये के बराबर नकद भत्ता देने की घोषणा की थी। इसके लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं उन्हें पूरा करने के बाद ही यह सुविधा उपलब्ध होगी। इस खर्च पर आयकर से छूट का प्रावधान भी रखा गया है।
सरकार ने कहा कि एलटीसी किराये के स्थान पर दी जा रही यह सुविधा आयकर से छूट प्राप्त होगी। मौजूदा प्रावधानों के तहत एलटीसी को आयकर से छूट है। आयकर विभाग ने पिछले सप्ताह ही एलटीसी नकद वाउचर योजना के तहत उपलब्ध आयकर छूट का लाभ निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को देने की घोषणा की है।
वित्त सचिव पांडे से जब यह पूछा गया कि निजी क्षेत्र में एलटीसी योजना किस प्रकार से चलेगी तो उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) सुविधा के लिए लेखा और रिकॉर्ड रखने के जो भी नियम लागू हैं वही नियम एलटीसी नकद वाउचर योजना पर भी लागू होंगे। योजना के तहत कर छूट उन्हीं सामान अथवा सेवाओं की खरीद पर लागू होगी जिन पर जीएसटी 12 प्रतिशत अथवा इससे ऊंची दर से लागू होता है। यह खरीदारी 12 अक्ट्रबर 2020 से 31 मार्च 2021 के बीच करनी होगी।