नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में दिए अपने बयान में कहा है कि पेट्रोल में 15 फीसदी मेथेनॉल मिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश को लगभग 2,900 करोड़ लीटर पेट्रोल और 9,000 करोड़ लीटर डीजल की जरूरत होती है और अभी हम विश्व के छठे सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। 2030 तक हम तेल के तीसरे सबसे बड़े उपभोक्ता हो जाएंगे और हमारा इंपोर्ट बिल क्रूड ऑयल पर निर्भर हरता है और यह लगभग 6 लाख करोड़ रुपए है।
गडकरी ने मेथेनॉल मिलाने के फायदे के बारे में बताते हुए कहा कि इससे 2030 तक भारत का इंपोर्ट बिल घटेगा। मेथेनॉल को बढ़ावा देने से प्रदूषण में भी कमी आएगी क्योंकि इससे लगभग शून्य प्रदूषण होता है। गडकरी ने इस बात के संकेत पहले ही दे दिए थे कि सरकार जल्दी ही पेट्रोल में 15 फीसदी मेथेनॉल के मिश्रण पर नीति की घोषणा करेगी।
उन्होंने मुंबई में मनी कंट्रोल और फ्री प्रेस जर्नल की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि इससे पेट्रोल सस्ता होगा साथ ही प्रदूषण में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा था कि मेथेनॉल कोयला से तैयार किया जाता है। पेट्रोल की वर्तमान कीमत लगभग 80 रुपए प्रति लीटर के मुकाबले इस पर मात्र 22 रुपए प्रति लीटर का खर्च आता है।
भारत ने 2 टन प्रति वर्ष मेथेनॉल उत्पादन की क्षमता स्थापित कर ली है। नीति आयोग द्वारा तैयार योजना के अनुसार, भारतीय हाई ऐश कोल, स्ट्रैंडेड गैस और बायोमास से 2015 तक मेथेनॉल उत्पादन की क्षमता बढ़कर 20 टन सालाना हो सकती है। नीति आयोग ने 2030 तक क्रूड ऑयल का आयात 10 प्रतिशत घटाने का खाका तैयार किया है। इसके लिए 30 टन मेथेनॉल की जरूरत होगी। आपको बता दें कि मेथेनॉल और इसका गैसीयस रूप डीएमई पेट्रोल और डीजल से काफी सस्ता है और भारत इसकी बदौलत अपने ईंधन बिल में 2030 तक 30 फीसदी तक की कटॉती कर सकता है।