नई दिल्ली। नीति आयोग ने ‘ऑनलाइन फैंन्टसी’ खेल उद्योग के लिये स्व-नियामकीय संगठन (Self- Regulatory Organisation) गठित करने की वकालत की है। इस संगठन का संचालन स्वतंत्र निगरानी बोर्ड करेगा। साथ ही ‘ऑनलाइन फैन्टसी’ खेल 18 साल और उससे अधिक उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिये सीमित करने का सुझाव दिया है। आयोग ने भारत में ‘ऑनलाइन फैन्टसी’ खेल मंच को लेकर एक समान राष्ट्र स्तरीय नियमन के लिये निर्देशित सिद्धांत- शीर्षक से मसौदा रिपोर्ट में कहा कि ‘फैन्टसी’ खेल उद्योग में लोगों की रूचि है। सरकार इसे मान्यता दे रही है और इसकी अपनी एक पहचान है। इसमें कहा गया है कि ‘ऑनलाइन फैन्टसी’ खेल उद्योग के लिये एकल स्व-नियामकीय संगठन को मान्यता सरकार से मिलनी चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इस प्रकार के स्व-नियमन निकाय पूरी तरह से फैन्टसी खेल उद्योग पर केंद्रित होना चाहिए और इसके सदस्य ‘ऑनलाइन फैन्टसी खेल मंच (ओएफएसपी) के ऑपरेटर होने चाहिए। आयोग ने इस बात पर गौर किया कि ओएफएसपी ऑनलाइन मीडिया के जरिये देश भर में परिचालन करता है। लेकिन उनका नियमन राज्यों की नियामकीय व्यवस्था के तहत अलग-अलग हैं। इसका मतलब है कि फैन्टसी खेल से जुड़े उपयोगकर्ताओं के लिये पारदर्शिता से जुड़े हित तथा निष्पक्षता राज्य-दर-राज्य अलग-अलग हो सकते है। इससे जोखिम है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इससे कुछ राज्यों में इसके शौकीन लोगों को ओएफएसपी पर सक्रियता से जुड़ने के अधिकार पर असर पड़ सकता है।’’
ऑनलाइन फैन्टसी खेल फैन्टसी स्पोर्ट्स कॉन्टेस्ट ऑफर करते हैं। यह खेल ‘ऑनलाइन गेम’ के किसी अन्य रूप की तरह नहीं है। यह वास्तविकताओं, मौसम और वास्तविक समय के खेल मैचों की उपलब्धता पर निर्भर है। यह इसे अन्य रूपों से अलग करता है जो कि जुआ या सट्टेबाजी की प्रकृति के होते हैं। आयोग ने कहा, ‘‘फैन्टसी खेल में भुगतान कर खेलने के प्रारूप की पेशकश ओएफएसपी द्वारा 18 साल से कम के लोगों को नहीं की जानी चाहिए।’’ मसौदा रिपोर्ट में कहा गया है कि स्व नियामकीय संगठन के संचालन का काम स्वतंत्र निगरानी बोर्ड द्वारा होना चाहिए। इसमें संचालन, विधि और प्रशासन के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले प्रतिष्ठित लोगों को जगह मिलनी चाहिए। ऐसे लोगों का चयन स्व-नियमन संगठन नियत अवधि के लिये कर सकते हैं।’’ स्व-नियमन संगठन को शिकायतों के समाधान के लिये स्वतंत्र निपटान प्रणाली गठित करनी चाहिए।