नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि पिछली तीन तिमाहियों से देश की आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं और वित्त वर्ष 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अधिक तेज रहेगी। कुमार केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने के अनुमान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में जीडीपी की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पूरे वर्ष की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहेगी। 2018-19 में जीडीपी की वृद्धि दर और रफ्तार पकड़ेगी। इसलिए इससे चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।
सीएसओ के अनुमान पर आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि 2017-18 में जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का मतलब है कि दूसरी छमाही में वृद्धि दर 7 प्रतिशत रहेगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यह अर्थव्यवस्था में सुधार की पुष्टि करता है। पिछले सालों की तुलना में निवेश वृद्धि लगभग दोगुनी रही है। इससे पता चलता है कि निवेश सुधर रहा है।
जीएसटी और कृषि क्षेत्र की वजह से चार साल के निचले स्तर पर रहेगी जीडीपी वृद्धि दर
देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (2017-18) में 6.5 प्रतिशत के चार साल के निचले स्तर पर रहने का अनुमान है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन की वजह से विनिर्माण क्षेत्र पर पड़े असर और कृषि उत्पादन कमजोर रहने से जीडीपी की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर पर रह सकती है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने राष्ट्रीय लेखा खातों का अग्रिम अनुमान जारी करते हुए यह अनुमान लगाया है।
पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रही थी, जबकि इससे पिछले साल यह 8 प्रतिशत के ऊंचे स्तर पर थी। 2014-15 में यह 7.5 प्रतिशत थी। नरेंद्र मोदी सरकार ने मई, 2014 में कार्यभार संभाला था। तब से लेकर यह अब तक की सबसे कम वृद्धि दर होगी।