नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से देशवासियों को सुरक्षित रखने के लिए मोदी सरकार ने कोरोना टीकाकरण की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। इसके लिए सरकार ने एक 50 हजार करोड़ रुपए का विशेष फंड भी बनाया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार का मानना है कि एक आदमी को टीका लगाने पर लगभग 5 से 7 डॉलर यानी 450 रुपए से 525 रुपए के बीच खर्च आएगा। ऐसे में इस बात का पक्का अनुमान है कि 130 करोड़ लोगों के लिए टीकाकरण अभियान बहुत महंगा पड़ने वाला है।
80 हजार करोड़ रुपए की पड़ेगी जरूरत
इस मामले से सीधे जुड़े सूत्रों का कहना है कि कोरोना वायरस टीकाकरण में धन की कमी अड़चन न बने इसलिए केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए इस फंड का प्रावधान किया है। वित्त मंत्रालय ने अभी तक इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला पहले ही कह चुके हैं कि पूरे देश में टीकाकरण के लिए सरकार को 80 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। बायोकॉन लिमिटेड की चेयरमैन किरन मजूमदार-शॉ ने भी कहा है कि वैक्सीन की खरीद के बाद सबसे बड़ी समस्या इसकी घर-घर तक डिलिवरी होगी। ऐसी खबरें भी आई थीं कि सरकार ने व्यापक स्तर पर कोल्ड स्टोरेज की पहचान शुरू कर दी है, ताकि वैक्सीन को सुरक्षित रखा जा सके।
प्रभावी टीकाकरण व्यवस्था के लिए जरूरी धन व संसाधन उपलब्ध होंगे
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि कोविड-19 से निपटने के लिए व्यवहारिक और प्रभावी रूप से टीकाकरण व्यवस्था को लेकर जरूरी धन और संसाधन उपलब्ध होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय टीकाकरण व्यवस्था पर आने वाली लागत के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी। पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया के डिजिटल तरीके से आयोजित कार्यक्रम में कुमार ने उम्मीद जताई कि कंपनी क्षेत्र भी इस मौके पर कदम उठाएगा और अपनी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत टीकाकरण को हिस्सा बनाएगा।
टीके की खरीद और उसके वितरण के लिए जरूरी राशि से जुड़े सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि टीके से जुड़ी लागत, कोष और संसाधन के बारे में अभी बात करना जल्दबाजी होगी. यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कौन से तौर-तरीके अपनाए जाते हैं और हम कैसे कदम बढ़ाते हैं। कुमार ने कहा कि निश्चित रूप से इसकी लागत होगी, लेकिन प्रधानमंत्री ने जो संकेत दिए हैं, मुझे नहीं लगता कि व्यवहारिक और प्रभावी रूप से टीकाकरण व्यवस्था को लेकर लागत कोई मसला होगा। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे पास उन लोगो की विशेष पहचान संख्या हो जिनका टीकाकरण होगा और यह इस रूप में हो जिससे आप जहां भी जाए, वह पता चले। यह एक बड़ा प्रयास है और नीति आयोग नंदन निलेकणि के साथ मिलकर इसका समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है।